जैसा बोओगे वैसा काटोगे 0 (0)

एक गांव में तीन चोर रहते थे। एक रात उन्होंने एक धनी आदमी के यहां चोरी की। उन्होंने सारा धन एक थैले में भरा और उसे लेकर जंगल की ओर भाग निकले। जंगल में पहुंचने पर उन्हें जोर की भूख लगी। वहां खाने को तो कुछ था नहीं, इसलिए उनमें से एक चोर पास के … Read more

काबिलियत का ईनाम 0 (0)

एक राजा के दरबार में एक अजनबी इंसान नौकरी मांगने के लिए आया। उससे उसकी काबिलियत पूछी गई, तो वो बोला- “मैं, आदमी हो चाहे जानवर, शक्ल देख कर उसके बारे में बता सकता हूँ।” राजा ने उसे अपने खास “घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज” बना दिया। चंद दिनों बाद राजा ने उससे अपने सबसे … Read more

पीपल की पूजा करने से क्‍यों मिट जाता है शनि का प्रकोप? 0 (0)

जब किसी इंसान पर शनिदेव की महादशा चल रही होती है तो उसे पीपल की पूजा का उपाय जरूर बताया जाता है। कई बार मन में यह सवाल उठता है कि ब्रम्‍हांड के सबसे शक्तिशाली और क्रूर ग्रह शनि का क्रोध मात्र पीपल वृक्ष की पूजा करने से कैसे शान्‍त हो जाता है। आज हम … Read more

“छाता और जूता” दान करने की प्रथा कैसे शुरू हुई 0 (0)

भगवान के महात्म्य और प्रभाव का तथा शास्त्रों का ज्ञान जैसा भीष्म पितामह को था वैसा कहीं ओर देखने को नहीं मिलता। महाभारत का एक पर्व दान पर्व के नाम से प्रसिद्ध है, जो उन्होंने युधिष्ठिर को सुनाया था। इसमें युधिष्ठिर भीष्म पितामह से पूछते हैं?—श्राद्ध-कर्म तथा अन्य अवसरों पर जो छाता और जूते का … Read more

डाकू और बढ़ई 5 (1)

  एक गाँव में एक बढ़ई रहता था। वह शरीर और दिमाग से बहुत मजबूत था। एक दिन उसे पास के गाँव के एक अमीर आदमी ने फर्नीचर फिट करने के लिए बुलाया। जब वहाँ का काम खत्म हुआ तो लौटते वक्त शाम हो गई तो उसने काम के मिले पैसों की एक पोटली बगल … Read more

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