क़म्बख्त तेरे प्यार में…

मेरी नयी किताब के बारे में मधुकर कहिन मैं कोई बहुत बड़ा शायर नहीं … न ही कोई ऐसी शख्सियत जो साहित्य लेखन विधाओं के बारे में बहुत ज्यादा जानता है l कुछ साल पहले जिंदगी में कुछ ऐसा घटा जिसकी वजह से मैंने लिखना शुरू किया l हालांकि कलम का और मेरा रिश्ता खानदानी … Read more

मैं भटकता ही फिरा हूँ

मधुकर कहिन मैं भटकता ही फिरा हूँ रहगुजर से रहगुजर आशियाँ को मेरे जाने लग गयी किसकी नजर जिÞन्दगी की राह में मिल गयी चंद ख्वाईशें चल पड़ा मैं साथ उनके ढूँढने अपनी डगर अय बुलंदी ये बता है तू भला किस काम की तेरी जद में आ गये और कट गए कितने शजर बेवजह … Read more

कंबल और तौलिया

मधुकर कहिन कंबल और तौलिये में झगड़ा हो गया । तौलिया कंबल से बोला – तुम क्या संदूक में पड़े पड़े 7 महीने सड़ते रहते हो ? जिसके बाद दो-तीन महीने के लिए तुम्हें निकाल कर बेडरूम में क्या रख दिया जाता है .. तुम ऐसे भगवान बने फिरते हो जैसे तुम्हारे सिवा किसी का … Read more

फायर ब्रिगेड का नंबर बिना पर्याप्त जन प्रचार के बदल दिया गया

मधुकर कहिन आम शहर वासियों को अब तक पता ही नहीं कि अब 101 नहीं 2429000 डायल करना है | आए दिन आग लगने की घटनाओं के बीच ये मखौल नहीं तो और क्या है ? अजमेर जिला प्रशासन को क्या नहीं करना चाहिए गंभीरता से नए नंबर का प्रचार ? कल बजरंग गढ़ चौराहे … Read more

आनासागर का जलकुंभी करण कहीं कोई नया छुपा हुआ धंधा तो नहीं?

मधुकर कहिन जलकुंभी साफ कर रहे ठेकेदार और निगम कहीं मिलकर जनता की गाड़ी कमाई को खाट तो नहीं लग रहे? यह आरोप नहीं संशय मात्र है जो कि शहर के लोगों के मन में उपज रहा है आनासागर की दुर्दशा और अचानक इसको खेल मैदान में परिवर्तित होता देखकर शहर भर के लोगों के … Read more