कण कण में जा बैठा रावण … इतने राम कहाँ से लाएँ?
मधुकर कहिन विजय दशमी विशेष कल रात रावण सपने में आ गया। सपने में रावण बहुत दुखी एक झील के किनारे, अपने हाथ और दस मूंह बारी बारी धोता हुआ सामान्य भाव में बहुत उदास दिखाई दिया। मैंने अभिवादन करके उसकी उदासी का कारण पूछते हुए रावण से पूछा – क्यों दशानन कहां की तैयारी … Read more