– प्रेम आनन्दकर, अजमेर
तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार आ सकते हैं लपेटे?
आक्या द्वारा विधानसभा में मामला उठाने, कॉलेज के अशैक्षिक कर्मचारियों की शिकायतों और मेरे द्वारा लिखे गए ब्लॉग बने कार्यवाही के आधार
अजमेर के राजकीय महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के चार अधिकारियों को गलत तरीके से पे-रेक्टिफिकेशन देने वाले बहुचर्चित मामले में बहुत जल्द एक और बड़ा एक्शन होने की संभावना जताई जा रही है। यदि सब-कुछ सही चला, तो एक आईएएस अफसर पर गाज गिरने की पूरी संभावना बनी हुई है। मैं अपना गुणगान नहीं कर रहा हूं, लेकिन यह बात पूरी तरह सच है कि मेरे द्वारा इस मामले को लेकर ब्लॉग की लिखी गई करीब 30 सीरीज को सरकार ने गहराई से देखा।
जांच कमेटी की रिपोर्ट का गहन अध्ययन कराया। विधानसभा में चित्तौड़गढ़ के निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह चौहान (आक्या) द्वारा उठाए गए मुद्दे पर संज्ञान लिया। इन सभी कड़ियों ने सरकार को एक्शन लेने तक पहुंचाया। आखिरकार तकनीकी शिक्षा विभाग के शासन सचिव भानू प्रकाश एटूरू ने 23 मई को आदेश जारी कर इस कॉलेज के चार अधिकारियों डिप्टी रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र कुमार सिंह, असिस्टेंट रजिस्ट्रार शिवपाल सिंह यादव, असिस्टेंट रजिस्ट्रार जय गोयल और असिस्टेंट रजिस्ट्रार श्रीमती कविता के पे-रेक्टिफिकेशन के आदेश निरस्त कर दिए।
पे-रेक्टिफिकेशन के आदेश 4 मार्च, 2024 को जारी किए गए थे, तब से इस मामले को लगातार उठाया जा रहा था। महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के अशैक्षिक कर्मचारी भी लगातार लड़ाई लड़ रहे थे। इन चारों को नियुक्ति तिथि के 12 वर्ष बाद नियुक्ति तिथि से ही उच्च पे-स्केल का लाभ दिया गया था। पे-रेक्टिफिकेशन निरस्त करने की ब्रेकिंग न्यूज सबसे पहले मैंने ही महिला इंजीनियरिंग कॉलेज के चारों अधिकारियों का पे-रेक्टिफिकेशन निरस्त शीर्षक से लिखे ब्लॉग में दी थी।
अब आते हैं असली बात पर
ब्रेकिंग न्यूज वाले ब्लॉग में मैंने यह भी बताया कि चारों अधिकारियों को पे-रेक्टिफिकेशन की सिफारिश करने वाली कमेटी के तीन सदस्यों को भी कारण बताओ नोटिस थमाए गए हैं, जिनमें एमबीएम विश्वविद्यालय, जोधपुर के कुलपति अजय शर्मा, जितेंद्र कुमार डीगवाल और हरिशंकर मेवाड़ा हैं। मेवाड़ा तो आज तक तकनीकी शिक्षा विभाग में संयुक्त सचिव बना बैठा है, जिसकी इस घोटाले में अहम् भूमिका है। आखिर बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी?
अब चौंकाने वाली खबर यह हो सकती है
यदि सूत्रों की मानें, तो बहुत जल्द यह चौंकाने वाली खबर भी मिल सकती है कि तीन सदस्यीय कमेटी की सिफारिश के आधार पर पे-रेक्टिफिकशन का लाभ देने संबंधी 4 मार्च, 2024 को आदेश जारी करने वाले तकनीकी शिक्षा विभाग के तत्कालीन प्रमुख शासन सचिव सुबीर कुमार के खिलाफ भी सरकार कार्यवाही कर सकती है। सूत्रों का कहना है, सरकार का यह मानना है कि प्रमुख शासन सचिव ने सभी तथ्यों का अध्ययन किए बिना केवल तीन सदस्यीय कमेटी की सिफारिश के आधार पर पे-रेक्टिफिकेशन के आदेश जारी कर दिए।
हालांकि सूत्रों की पुख्ता जानकारी तो यही कहती है कि पे-रेक्टिफिकेशन, फर्जी नियुक्ति व वित्तीय अनियमितताओं की जिन-जिन अधिकारियों ने अनदेखी कर भ्रष्ट लोगों के प्रभाव में आकर गलत आदेश जारी किए, उन सभी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी’ आपको यह भी बता दें कि यह पूरा मामला केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तक भी पहुंच चुका है। उन्होंने भी प्रदेश की भाजपा सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। अब देखते हैं, आगे क्या होता है।
जनपत्र डेस्क
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