650 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं हुआ तो राजस्थान भर के दूधिए 2 जून से मुख्यमंत्री के आवास पर धरना देंगे

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राजस्थान की भाजपा सरकार पर निजी डेयरियों से मिलीभगत का आरोप

27 मई को जयपुर में अजमेर दुग्ध डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी के नेतृत्व में प्रदेश की प्रमुख डेयरियों के अध्यक्षों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पशुपालन और डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत से मुलाकात की। मंत्री को बताया गया कि सरकार पर पशुपालकों का 650 करोड़ रुपए बकाया है। 300 करोड़ की राशि मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना तथा 350 करोड़ रुपए की राशि पन्नाधाय बाल गोपाल तथा अमृत आहार योजना की है। दुग्ध संबल योजना में प्रति लीटर पांच रुपए का अनुदान नहीं मिलने से दुग्ध उत्पादकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

चौधरी ने कहा कि इस वर्ष जनवरी माह में ही सरकार ने अनुदान राशि का भुगतान डेयरी संघों को नहीं किया है, इससे सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली डेयरियों के संग्रहण केंद्रों पर दूध की आवक कम हो गई है। इसका फायदा अमूल, लोटस, पायस जैसी निजी डेयरियों को हो रहा है। चौधरी ने सरकार पर निजी डेयरियों से मिलीभगत का आरोप लगाया।

चौधरी ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पशुपालकों के लिए काम करने का दावा करते हैं तो दूसरी ओर राजस्थान की भाजपा सरकार पशुपालकों को देय अनुदान राशि का भुगतान भी नहीं कर रही है। प्रतिनिधि मंडल में जोधपुर, बीकानेर, नागौर, रानीवाड़ा, बाड़मेर, चूरू, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, चित्तौड़ आदि के डेयरी संघों के अध्यक्ष शामिल रहे। सभी अध्यक्षों ने एक स्वर से कहा कि 31 मई तक बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ तो 2 जून से प्रदेश भर के दुग्ध उत्पादक और पशु पालक जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर धरना देंगे।

पशु पालक मंत्री कुमावत ने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री से संवाद कर बकाया राशि का जल्द से जल्द भुगतान करवाया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री को यह भी बताया कि आरसीडीएफ तथा जिला संघों में कर्मचारियों व अधिकारियों के 25 सौ पद रिक्त है। इन पदों पर भी शीघ्र भर्ती की जाए। डेयरी संघों और मंत्री के बीच हुए संवाद की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414004111 पर अजमेर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी से ली जा सकती है।

एस पी मित्तल

वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल

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