40-50 बेईमानों का दंड 800 योग्य अभ्यर्थियों को क्यों दिया जाए?

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एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करवाने के पीछे पेपर माफिया और स्वार्थी नेताओं का दबाव
अधिकांश चयनित अभ्यर्थी हर कसौटी पर खरे है। हाईकोर्ट और सरकार सोच विचार कर फैसला लें-जय राजपूताना संघ
जय राजपूताना संघ के संस्थापक भंवर सिंह रेटा ने कहा कि एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करवाने के पीछे पेपर माफिया और स्वार्थी राजनेताओं का दबाव है, इसलिए हाईकोर्ट व राजय सरकार को सोच विचार कर फैसला लेना चाहिए। जो लोग इस परीक्षा को रद्द करवाने के लिए जयपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, उनका अब राजनीति में कोई अस्तित्व नहीं है। राजनीति में अपने वजूद को बनाए रखने के लिए धरना प्रदर्शन किया जा रहा है।

हकीकत तो यह है कि ऐसे ही नेताओं का संरक्षण प्रदेश के पेपर माफिया को हो। एसआई भर्ती परीक्षा में अनुचित साधनों का उपयोग करने के आरोप में भी कुछ अभ्यर्थी पकड़े गए हैं, उनके मददगार भी ऐसे ही नेता रहे हैं। ऐसे नेता पहले पेपर माफिया को संरक्षण देते हैं और पकड़े जाने पर परीक्षा को रद्द करवाने का दबाव डलवाते हैं। रेटा ने कहा कि जांच एजेंसियों ने 17 अन्य परीक्षाओं में भी अनियमितताएं पाई है, लेकिन सिर्फ एसआई भर्ती को रद्द करने का ह दबाव बनाया जा रहा है। भाजपा सरकार में 18 गिरफ्तारियां के बाद जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अब तक की जांच में यह पता चला है कि 40-50 अभ्यर्थियों ने ही अनुचित साधनों का उपयोग किया।

सरकार ने हाईकोर्ट में भी पचास अभ्यर्थियों की जानकारी दी है। ऐसे में सवाल उठता है कि 40-50 अभ्यर्थियों का दंड 800 चयनित अभ्यर्थियों को क्यों दिया जाए? राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 843 चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की है। रेटा ने बताया कि सभी चयनित अभ्यर्थियों को बेईमान ठहराया जा रहा है, जबकि हकीकत इसके उलट है। आयोग की सूची के बाद सरप्राइज टेस्ट हुआ, इसमें अधिकांश अभ्यर्थियों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। यदि इन अभ्यर्थियों ने नकल कर परीक्षा दी होती तो सरप्राइज टेस्ट में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त नहीं होते। जिन आठ सौ अभ्यर्थियों के दामन पर कोई दाग नहीं है, उनमें से 175 अभ्यर्थियों ने आरएएस प्री, पटवारी, रीट जैसी परीक्षा में सफलता हासिल की है।

205 अभ्यर्थियों तो 2016 की एसआई भर्ती की मेरिट सूची में भी थे। 360 चयनित अभ्यर्थियों ने आरएएस की मुख्य परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। इतना ही नहीं 836 चयनित अभ्यर्थी पहले से ही किसी न किसी सरकारी सेवामें है। रेटा ने कहा कि मीडिया ट्रायल, राजनीतिक दबाव पेपर माफिया का षड?ंत्र आदि ने अभी तक 800 चयनित अभ्यर्थियों ने धैर्य और अनुशासन की मिसाल दी है, लेकिन इन 800 चयनित अभ्यर्थियों का भविष्य खराब किया गया तो फिर सड़कों पर संघर्ष किया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों की आंखों में आंसू है। जय राजपूताना संघ इन आंसुओं के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है। रेटा ने एसआई भर्ती परीक्षा 2021 के मामले में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के अब तक के रुख की प्रशंसा की है। रेटा ने उम्मीद जताई है कि सीएम शर्मा आठ सौ योग्य चयनित अभ्यर्थियों के भविष्य का ख्याल रखेंगे।

उन्होंने कहा कि एसओजी ने परीक्षा के सभी पहलुओं पर जांच कर ली है। अभी तक सिर्फ पचास अभ्यर्थियों पर ही आरोप लगे है। सरकार चाहे तो और बारीकी से जांच करवा ले। शेष बचे आठ सौ अभ्यर्थियों में से भी यदि कुछ पर संदेह हो तो उन पर कार्यवाही की जा सकती है, लेकिन पूरी परीक्षा को रद्द किया जाना न्याय विरुद्ध होगा। हाईकोर्ट भी एसओजी की जांच का विस्तृत अध्ययन करना चाहिए। रेटा ने बताया कि जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील, श्री राजपूत सभा जयपुर के अध्यक्ष रामसिंह चंद्र लाडू, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करने का आग्रह किया है। रेटा ने बताया कि वे इस मुद्दे पर जन आंदोलन के लिए सक्रिय है। जन आंदोलन से जुड़े के लिए मोबाइल नंबर 9413933337 पर भंवर सिंह रेटा से संपर्क किया जा सकता है।

एस पी मित्तल

वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल

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