बेनीवाल समर्थकों को सरकार की ओर से अफसरों ने भरोसा दिलाया

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आखिर आरपीएससी का पुनर्गठन कैसे होगा?

एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने, राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) का पुनर्गठन करने, भ्रष्टाचार मिटाने जैसी मांगों को लेकर 25 मई को जयपुर के मानसरोवर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने युवाओं की एक बड़ी सभा की। इस युवा आक्रोश सभा में प्रदेश भर के युवा एकत्रित हुए। भीड़ को देखते हुए बेनीवाल ने कहा कि अब मैं किसी से डरने वाला नहीं। मैंने जो मांगे रखी है उसे राज्य की भाजपा सरकार को पूरा करना ही पड़ेगा।

बेनीवाल चाहते थे कि सरकार का कोई मंत्री आकर मांगें पूरी करने का आश्वासन दे, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि कोई मंत्री बेनीवाल से मिलने नहीं जाएगा। हालांकि बाद में बीच का रास्ता निकालते हुए जयपुर के पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज और संभागीय आयुक्त पूनम, बेनीवाल की सभा में पहुंची। इन दोनों अधिकारियों ने कहा कि जो मांगे रखी गई हैं उन्हें सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा। दोनों अधिकारियों के आने को ही बेनीवाल ने अपनी बड़ी उपलब्धि माना।

उन्होंने कहा कि मंत्रियों की बात का तो कोई भरोसा नहीं होता, लेकिन अफसरों की बात पर भरोसा किया जा सकता है। हालांकि सभा में मौजूद अनेक युवा अधिकारियों के कथन से संतुष्ट नहीं थे। कुछ युवाओं ने जब नारेबाजी की तो बेनीवाल ने डांटते हुए कहा कि तुम्हारे माता पिता ने हनुमान बेनीवाल के भरोसे पर जयपुर की सभा में भेजा है। मैं चाहता हंू कि सभी युवा सुरक्षित तौर पर अपने अपने घरों पर पहुंच जाए। बेनीवाल ने कहा कि अब सरकार को एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करनी ही पड़ेगी।

बेनीवाल ने आरपीएससी के पुनर्गठन की जो बात कही उसको लेकर सवाल उठ रहा है कि आखिर पुनर्गठन कैसे होगा? संविधान के मुताबिक आयोग के किसी भी सदस्य को हटाया नहीं जा सकता है। पूर्व में जिन बाबूलाल कटारा को पेपर लीक के मामले में राज्यपाल ने निलंबित किया उन्हें भी अभी तक राष्ट्रपति द्वारा बर्खास्त नहीं किया गया है। जब पेपर लीक के आरोपी कटारा ही नहीं हट सके हैं, तब मौजूदा किसी सदस्य को कैसे हटाया जा सकता है।

सरकार सिर्फ आयोग के सदस्यों के रिक्त पदों पर ही नियुक्ति कर सकती है, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि भाजपा के शासन में पिछले छह माह से आयोग के अध्यक्ष और एक सदस्य का पद रिक्त पड़ा है। जो सरकार रिक्त पदों पर भी अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्त नहीं कर रही, वह आयोग का पुनर्गठन कैसे करेगी? आयोग में सदस्यों की कमी को चलते कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। आरएएस जैसी प्रतिष्ठित भर्ती परीक्षा के इंटरव्यू भी मात्र एक चयन बोर्ड द्वारा लिए जा रहे हैं। इससे प्रदेश भर के अभ्यर्थी परेशान है। ऐसी ही स्थिति अन्य परीक्षाओं को लेकर भी है।

एस पी मित्तल

वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल

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