शौर्य और पराक्रम से भरा हुआ है मेवाड़ का इतिहास

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– प्रेम आनन्दकर, अजमेर

भारत की संस्कृति में मेवाड़ का योगदान विषय पर अजमेर में हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी

मेवाड़ का इतिहास शौर्य और पराक्रम से भरा हुआ है। महाराणा सांगा, महाराणा उदयसिंह, महाराणा प्रताप ने जिस फौलादी तरीके से मुगल आक्रांताओं का मुकाबला कर अपने देश की रक्षा की, वह इतिहास के पन्नों पर स्वर्ण अक्षरों में हमेशा लिखा रहेगा। यदि मेवाड़ के इतिहास और भारत की संस्कृति में मेवाड़ के योगदान की बात करें, तो पन्नाधाय के त्याग, समर्पण और निष्ठा को भुलाया नहीं जा सकता है। तीर्थसेवा न्यास, हरिद्वार द्वारा मंगलवार को अजमेर के विजयलक्ष्मी पार्क में भारत की संस्कृति में मेवाड़ का योगदान विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं के विचारों से यह निचोड़ सामने आया।

देशभर से आए विद्वानों, संतों और विचारकों ने मेवाड़ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत पर अपने विचार साझा किए। मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारी संजय जोशी ने आॅडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए भारत सरकार की निर्णायक कार्यशैली की सराहना की। विशिष्ट अतिथि के रूप में बलराम दास महाराज बाबा हठयोगी (हरिद्वार) ने कहा कि मेवाड़ की धरती त्याग, बलिदान, भक्ति और शक्ति की प्रतीक रही है। उन्होंने युवाओं से धर्म के प्रति जागरूक और कटिबद्ध रहने का आह्वान करते हुए कहा कि आत्मरक्षा के लिए शस्त्र धारण करना आवश्यक है।

तीर्थसेवा न्यास, हरिद्वार के कोषाध्यक्ष राम विशाल दास महाराज ने मेवाड़ की ऐतिहासिक विभूतियों जैसे पृथ्वीराज चौहान, मीरां बाई और महाराणा प्रताप का उल्लेख करते हुए कहा कि इन महापुरुषों की गौरवगाथा सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध है। माता-पिता, घर, गाय, गंगा, गुरुकुल और वृक्ष सभी हमारे लिए तीर्थ हैं और इनकी रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधनंद गिरि महाराज ने पाकिस्तान की तुलना इतिहास के आक्रांताओं से करते हुए भारत सरकार से कड़ा रुख अपनाने की बात कही। अध्यक्षता करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक कैलाश नाथ ने कहा कि भारत सदा से जगतगुरु रहा है और अब समय है कि हम सब मिलकर उसे पुन: वही गौरव दिलाएं।

भारत कभी किसी पर आक्रमण नहीं करता, लेकिन यदि कोई भारत पर आक्रमण करता है, तो उसे उत्तर देना हमारी परंपरा है। तीर्थसेवा न्यास के अध्यक्ष एवं अजमेर नगर परिषद (अब नगर निगम) के पूर्व सभापति (अब मेयर) सुरेंद्र सिंह शेखावत ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेवाड़ न केवल भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक आत्मा को भी समृद्ध करता है। संगोष्ठी का उद्देश्य युवाओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ना और मेवाड़ जैसे ऐतिहासिक क्षेत्र के योगदान को उजागर करना था। संगोष्ठी का शुभारंभ भारत माता के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुआ। डॉ. राजू शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। प्रो. अरविंद पारीक ने विषय की भूमिका बताई। संचालन डॉ. दीपिका शर्मा ने किया। इस मौके पर तीर्थ सेवा न्यास की राजस्थान प्रदेश इकाई की भी घोषणा की गई, जिसमें अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा, महामंत्री सुरेंद्र शेखावत एवं अजमेर जिलाध्यक्ष शिवराज सिंह पलाड़ा बनाए गए हैं।*

जनपत्र डेस्क

जनपत्र डेस्क विभिन्न सम्मानित पत्रकारो द्वारा लिखित समाचार, राय आदि का संकलन है |

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