गाने गाएं, रोग भगाएं, स्वस्थ्य रहें

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प्रेम आनन्दकर, अजमेर

▶️अजमेर की संस्था इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी जुटी है असंभव को संभव कर दिखाने में

गाने गाओ-रोग भगाओ। क्या यह संभव है? कुछ कहेंगे हां, तो कुछ कहेंगे बिल्कुल भी संभव नहीं है। आप-हम मानें या नहीं मानें, लेकिन अजमेर की संस्था इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी ने इसे सिद्ध कर दिखाया है। इस संस्था में सभी उम्र, वर्ग, जातियों और पेशों से जुड़े लोग हैं। संस्था के अध्यक्ष व वरिष्ठजन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. लाल थदानी का कहना है कि गीत-संगीत शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य के लिए सशक्त माध्यम है। किसी भी असाध्य रोग, मानसिक तनाव और अवसाद के बेहतरीन इलाज के लिए गीत-संगीत से जुड़ना चाहिए। वे बताते हैं कि संगीत सुनने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि तनाव (स्ट्रेस) भी दूर होता है। इंसान की जिंदगी से संगीत का रिश्ता बेहद अटूट है। व्यक्ति जब दुखी होता है, तब भी संगीत सुनता है और जब खुश होता है तब भी संगीत का साथ नहीं छोड़ता है। वे बताते हैं कि संगीत हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकता है।
शोध से पता चला है कि संगीत चिकित्सा कई मानसिक स्वास्थ्य विकारों के लिए फायदेमंद है, जैसे अवसाद, पीटीएसडी, आघात और दुःख, आत्मकेंद्रित, सिजोफ्रेनिया। संगीत किसी की भावनाओं को संसाधित करने में मदद कर सकता है। साथ ही यह चिंता को शांत करने के लिए एक बाम की तरह काम कर सकता है। विभिन्न संगीत अलग-अलग न्यूरोलॉजिकल प्रतिक्रियाओं को उद्घाटित करते हैं, जैसे शास्त्रीय संगीत आरामदायक है, जबकि रॉक संगीत ऊर्जावान है।
डॉ. थदानी बताते हैं, द इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित संगीत थैरेपी और रक्तचाप पर शोध से पता चला है कि संगीत चिकित्सा सिस्टोलिक रक्तचाप को कम कर सकती है, जो स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है। संगीत चिकित्सा मनोभ्रंश रोगियों को उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करती है। इस संस्था की ओर से हर माह गीत-संगीत का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। अब तक 71 कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। हर बार नए सदस्य संस्था से जुड़ते हैं। असाध्य रोगों से ग्रस्त अनेक लोग गीत-संगीत से जुड़कर अब स्वस्थ्य रहने लगे हैं। इसका सबसे बड़ा मनोविज्ञान कारण यह है कि रोगियों का ध्यान बंट जाता है और गीत-संगीत में अपनी पीड़ा को भूल जाते हैं। गीत गुनगुनाते हैं तो अवसाद (डिप्रेशन), तनाव (स्ट्रेस) कम होता है।*

जनपत्र डेस्क

जनपत्र डेस्क विभिन्न सम्मानित पत्रकारो द्वारा लिखित समाचार, राय आदि का संकलन है |

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