अमेरिका ने प्लेन में भर कर अवैध भारतीयों को निकाल दिया

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चिंता ने करें आगे कईयों का नंबर और भी आएगा | स्कूली दिनों की एक कहानी याद आ गयी |

हेमलिन शहर (जर्मनी) का रहस्यमयी बांसुरी वादक और उसकी बांसुरी की धुनों से मंत्रमुघ्ध चूहे और आम लोग

तेरवीं सदी में , हेमलिन शहर (जर्मनी) चूहों से परेशान था। एक दिन एक रहस्यमयी बांसुरी वादक आया और उसने नगरवासियों से वादा किया कि अगर वे उसे इनाम देंगे, तो वह सारे चूहे शहर से भगा देगा। उसने बांसुरी बजाई, और सारे चूहे उसकी धुन पर चलकर नदी में कूदकर डूब गए। लेकिन जब बांसुरी वादक ने अपना इनाम मांगा, तो नगरवासियों ने धोखा दे दिया और उसे कुछ नहीं दिया। क्रोधित होकर उसने फिर बांसुरी बजाई, लेकिन इस बार उसने शहर के बच्चों को अपनी धुन पर मोहित किया और उन्हें लेकर एक गुफा में गायब हो गया।

तकरीबन यही हाल हमारी जनता का है | क्यों भारत की जनता स्थानीय नौकरियाँ उत्पन्न करने के लिए दबाव नहीं बनाती हैं |

बांसुरी वादक की मनमोहक धुनों पर थिरकते लोगों ने क्या कभी सोचा है जिन भारतीयों का कभी गौरवमयी इतिहास रहा है, उन्हें डंकी रूट से क्यों “अवैध एलियन” का तमगा लगा कर अमेरिका में घुसना पड़ता है ?

जो पुराने शहर नई नौकरियॉं उत्पन्न नहीं कर पा रहे हैं | जिनमे अजमेर जैसे क्लास सी के शहर भी शामिल हैं | क्या इन शहरों में बसे लोगों को अपना भविष्य नहीं दिखाई देता ? जरा नजर उठा के देखिये जनाब आपके शहर की कई तथाकथित पॉश कॉलोनियों में बुजुर्ग अकेले जीवन जीने को मजबूर हैं | थोड़ा शहर में तफरी भी किया करें |

बागवान पिक्चर दिखा दिखा कर पुरानी पीढ़ी को जम कर इन्सुरेंस बेचा | जैसे इन्सुरेंस कम्पनियाँ आपके ही पड़ोस की अग्रवाल नमकीन भंडार में इन्वेस्ट करेंगीं | गुज्जर सदियों से दूध बेचा करते थे | क्या इन्सुरेंस कम्पनियाँ गुज्जर मिल्क कॉपोरेशन में कॉर्पोरेट फंडिंग दे रही थीं | आज तक किसी ने कभी सुना है गुज्जर मिल्क कॉपोरेशन ?तो साहब कभी लोकल इकॉनमी बनायीं ही नहीं | तो दुख काहे मना रहे हैं | हमने खुद स्थानीय व्यापारियों को नष्ट किया | लोगों की नौकरियाँ खत्म की | अब अमेरिका ने धक्का दे कर निकाल दिया तो अमेरिका का क्या कसूर जी ?

इसी पंजाब में किसान का टमाटर सॉस बनाने का फक्ट्री है | पंजाब के नाभा और राजपुरा में यूनिलीवर की टमाटर सॉस बनाने की फेक्ट्री है | पंजाब में किसानी ही मुख्य काम है | यूनिलीवर जैसी इंटरनेशनल कंपनी को पंजाब में टमाटर सॉस बनाने की सूझ सकती है | लेकिन भारत में किसानों को एम् एस पी का ऐसा टॉनिक पिलाया की पंजाबी किसानों को ऐसी फेक्ट्री बनाने की नहीं सूझती |  और अगर किसी तरह से किसी को सूझ भी जाये जैसे बाबा राम देव ( साधु और बिज़नेस मेन का कॉम्बिनेशन ) तो जमकर विरोध करो|

आयुर्वेद सीधा सीधा किसानों की मदद करता उसको जानभूझ कर बर्बाद किया गया | भगवान ने कसम खिला कर भेजा था क्या की खेत में गेहूँ ही उगाना है ?
जमीन में कितने ही औषिधिक पेड़ पौधे लगाए जा सकते थे | लेकिन जो समझ न आ आये वो झाड़ है साहब काट दो | काट दिए

हींग का पौधा भारत में प्राकृतिक रूप से नहीं उगता | अब 2020 में जाकर इन्होने हिमाचल प्रदेश में हींग उगना शुरू किया है |  भारत 16 मिलियन मीट्रिक टन खाने वाले तेल इम्पोर्ट करता है | इतनी बड़ी जमीन होने के बाद भी किसानों से तेल के बीज नहीं उपज रहे हैं | इतना तो विदेशों से मंगवाना पड़ता है | भारत मुश्किल से 10 से 11 मिलियन मीट्रिक टन के लायक ही उत्पादित करता है | और बाजार में 25 मिलियन मीट्रिक टन की खाने के तेल की जरूरत है | क्या भारत के किसानों को इतना बड़ा बाजार नहीं दिखाई देता ?  या जानभूझ कर इन्हे एम् एस पी के झांसे में डाल रखा है ?

खाने के लगभग हर पैकेट में पाम आयल आ रहा है ? नहीं खाने वाले तेलों की भी जरूरत साबुन इंडस्ट्री को रहती हैं ? क्या इतना बड़ा बाजार भी दिखाई नहीं देता ?

भारत में उगने वाली जंगली कॉर्डिसेप्स जिसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तक़रीबन कीमत 20 से 25 लाख प्रति किलो है | खेती से उपजी कॉर्डिसेप्स मिलिटेरिस की कीमत 2 लाख से 3 लाख रुपए प्रति किलो है | इसके अलावा कमाने के कई मौके हैं | क्यों धक्के खाने जाना है |

नौकरी तो सिर्फ सरकारी ही होती है बाकि प्राइवेट वाले तो घास फूस हैं की मानसिक बिमारियों के चलते ही यह सब हो रहा है |

सरकारी नौकरी कितनों को दे देंगे श्रीमान  ? जरा यह तो बता दीजिये  मतिभ्र्रम मिडिल क्लास से यह पूछना हैं 15 लाख लोग अगर कलक्टर बनने के लिए आवेदन कर रहे हैं तो क्या 15 लाख कलेक्टर बना देंगे ? राजस्थान में अगर 41 जिले हैं तो 41 ही तो कलेक्टर बना सकते हैं |

सरकारी नौकरियों को जरूरत से ज्यादा ग्लैमर देने के चलते पिछड़े क्षेत्रों में निजी क्षेत्र नहीं पनपा | अब खेत में भी कितने लगा देंगे | खेतों की संख्या भी सिमित है | बाकि लोगों को कुछ काम धाम चाहिए की नहीं ? लेकिन स्वार्थी जनता सिर्फ अपने में रमी पड़ी है | नतीजा भारी मात्रा में अपराध पनप रहे हैं | हाल में ही लोगों के साथ डिजिटल अरेस्ट स्केम हुवा | मासूम लोगों की जिंदगी भर की जमा पूंजी डरा धमका कर वसूल कर ली गयी |

थोड़ा अपने को कष्ट दे कर नजदीकी फॅमिली कोर्ट में के बाहर के नज़ारे देख कर आएं | जितनी शादियों के कार्ड आपके घर नहीं आते उससे ज़्यादा तलाक हो रहे हैं | हिन्दू पिता पूरी जिंदगी पाई पाई जोड़ कर इकठा करता हैं | और सिर्फ 2 या 3 दिन की शादियों में लाखों फूंक देता हैं | शादी के बाद फिर हिन्दू परिवार जुट जाते हैं पाई पाई जोड़ने में | सिर्फ 2/3 दिन राजाओं की तरह जी कर लाखों फूंक जिंदगी भर मेहनत करना कोई हिन्दुओं से सीखे |

अगर अर्थव्यस्था बिगड़ेगी तो नतीजे परिवारों को भी झेलने पड़ेंगे और अंततः अंतरकलह और परिवार टूटने तक की नौबत आ सकती है |
या फिर यह डंकी रूट से दूसरे देशों में शरण लो और वो धक्के मार कर निकाल दे | अमेरिकी / कनाडाई सपने के चलते पंजाब हरियाणा में कई लोगों ने लाखों के कर्जे लिए और अब यह सब अवैध घोषित हो गए |

नौकरियाँ नहीं पैदा हुयी तो लेवल सबके निकलेंगे |

आप चाहे तो सोच सकते हैं नहीं तो “बांसुरी वादक” की मंत्रमुघ्ध धुनों का आनंद लीजिये | आखिर भविष्य है आपका आप चाहे जैसे बनायें | बाकि अमेरिका तो अपने नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए लोगों को अवैध घोषित करके निकालेगा ही |

अब जरा अपने आप से यह प्रश्न पूछना क्या भारत ऐसा कर सकता है ? जब भारत सरकार नागरिकता कानून लाई तो उसके विरुद्ध हुवा विरोध याद है की नहीं ? सोचिये नहीं तो बांसुरी वादक की मंत्रमुघ्ध धुनों का आनंद लीजिये |

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