दिल्ली का दिल इस बार धड़क रहा है भाजपा के लिए
दिल्ली का दिल लुटने को तैयार है! कोई भी दिलवाला इसे खरीद सकता है! फिलहाल आप पार्टी के अरविंद केजरीवाल और भारतीय जनता पार्टी के नरेंद्र मोदी के बीच नैक टू नैक प्रतिस्पर्धा चल रही है। महान रेवड़ी बाज केजरीवाल अब तक दिल्ली के दिल पर एक छत्र राज कर रहे थे मगर इस बार मोदी जी ने रेवड़ी की तुलना में अपनी बेहतर गजक पेश कर, दिल्ली के दिल पर डाका डालने के पूरे इंतजाम कर दिए हैं।
अरविंद केजरीवाल की रेवड़ियां खतरे में पड़ती नजर आ रही हैं। लग तो रहा है कि इस बार मोदी की गजक! बिक्री के रिकॉर्ड तोड़ सकती है।
दिल्ली के चुनाव इस बार चमत्कारी मोड पर आ खड़े हुए हैं। 11 साल तक केजरीवाल अपनी रेवड़ियों की बिक्री से बाजार पर कब्जा किए रहे। यह ताज्जुब की बात है कि नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार केंद्र में अपनी सत्ता बना ली मगर वह केजरीवाल के “रेवड़ी तिलिस्म” को एक बार भी नहीं तोड़ पाए। इस बार मोदी जी ने भी सफेद तिल से बनी गजक बाजार में उतार दी हैं।
भाजपा ने भी केजरीवाल की रेवड़ियों के स्वाद में अपना शुगर फ्री मिठास घोल दिया है। मोदी जी ने भी बिजली माफ, फ्री स्वच्छ पानी, छात्रवृत्ति, महिलाओं को हर महीने पैसे देने! और यमुना की सफाई का वादा कर दिया है। वादा क्या गारंटी दे दी है।
यही नहीं उन्होंने केजरीवाल की सभी जनकल्याणकारी योजनाएं बंद नहीं किए जाने पर भी मोहर लगा दी है।
यह तो रही पहली बात! अब दूसरा चमत्कार मोदी जी ने अपने बजट में 12 लाख की आय पर इनकम टैक्स नहीं लगाने का कार्ड खेल कर दिखा दिया है। इस तरह मोदी जी की शानदार गजक तैयार हो गई है। यह रेवड़ियों पर भारी पड़ेगी।
मोदी गजक में काजू, पिस्ता, बादाम सभी हैं। आठवां वेतन आयोग का वादा भी शुगर फ्री मीठा है। मोदी ने अपनी गजक के लिए जो बाजार खोला है उसे देखते हुए आप पार्टी के कुछ नेताओं ने आप पार्टी से इस्तीफे दे दिए हैं।
एक तरफ मोदी जी की स्वादिष्ट और शक्ति वर्धक गजक! दूसरी तरफ कांग्रेस का केजरीवाल से समझौता न करके इंडिपेंडेंट चुनाव लड़ना! ये दोनों आप पार्टी की किस्मत फोड़ेगा! यूँ कांग्रेस का दिल्ली में कोई भी सीट जीतना लग तो नामुमकिन ही रहा है मगर यह भी तय है कि यदि उसके कुछ उम्मीदवार जीत गए तो यह भी आप पार्टी के उम्मीदवारों के लिए ही सर दर्द होगा। इसका फायदा भाजपा को मिलेगा!
भाजपा इस बार “करो या मरो” के मूड में है ! उसने एड़ी से चोटी तक का जोर लगा दिया है।
यहां आपको बता दूं कि जब केजरीवाल जेल में थे! सिसोदिया और संजय सिंह जैसे धुरंधर भी सीखचों के पीछे हवा खा रहे थे! तब दिल्ली में आर एस एस ने घर-घर जाकर प्रचार करना शुरू कर दिया था, जो अब तक जारी है! यह प्रचार मोदी की गजक को लोकप्रिय बना चुका है।
इधर आप पार्टी से अल्पसंख्यक और दलित वोट भी छटक चुके हैं उनका झुकाव कांग्रेस की तरफ नजर आ रहा है।
ऐसे में मेरा मानना है कि इस बार मोदी गजक केजरीवाल की रेवड़ियों पर भारी पड़ेगी। यह मेरा निजी आंकलन है इसे आप मान ही लें, ऐसा मेरा आपसे कोई आग्रह नहीं।