गाजीपुर सड़क हादसे में नौ श्रद्धालुओं की मौत के बाद शवों को गठरियों में बांधकर ले जाना पड़ा। परिजन शवों को लेकर गोरखपुर पहुंचे, जहां गांव में मातम पसर गया।
यूपी के गाजीपुर में हुए भीषण सड़क हादसे में मृत श्रद्धालुओं के शवों को गठरियों में बांधकर ले जाना पड़ा। हादसे में कुल नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। मृतकों के परिजन रात में ही पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और आधी रात को चार एंबुलेंस में शवों को लेकर गोरखपुर रवाना हुए।
150 किमी सफर, आधी रात को पहुंचाए गए शव
यह दर्दनाक घटना वाराणसी-गाजीपुर हाईवे पर नंदगंज थाना क्षेत्र के रेवसा गांव के पास हुई। हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं का पोस्टमार्टम शुक्रवार रात करीब 12 बजे तक चला, जिसमें डॉक्टरों के पैनल ने वीडियो रिकॉर्डिंग भी की। शवों की हालत इतनी क्षत-विक्षत थी कि अमर सिंह (45) और उनकी बेटी नित्या (5) के शरीर को दो गठरियों में बांधना पड़ा। उनके अंगों को सिलना संभव नहीं था।
परिजनों का दर्द, गांव में मातम
हादसे के बाद जब शव उनके गांव हरदीचक पहुंचे तो पूरे गांव में मातम छा गया। सात शवों के साथ पहुंचे परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया। दुखद माहौल में गांव में चूल्हे तक नहीं जले।
दुल्हन की तरह सजाकर दी अंतिम विदाई
हादसे में मारी गईं पुष्पा देवी (40), सुधा चौरसिया (55) और लीलावती (40) को गांव की महिलाओं ने दुल्हन की तरह सजाकर अंतिम विदाई दी। सुब्बाबाजार निवासी इसरावती देवी के पति ने भी भारी मन से उनका अंतिम संस्कार किया।
गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं को मेडिकल कॉलेज रेफर
हादसे में घायल गंगा (55), लालदेवी (55) और सोमारी (55) को उनके परिजन तीन लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस से बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर ले गए।
प्रशासन का बयान
गाजीपुर एडीएम दिनेश कुमार ने बताया, हादसे में कुल नौ श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। सभी शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। तीन श्रद्धालुओं की हालत गंभीर है, जिन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर भेजा गया है।