कांग्रेस के पिछले शासन में पांच विधायकों का दुखद निधन हुआ, इसलिए सदन में कभी भी एक साथ 200 विधायकों की उपस्थिति नहीं रही
मातृभाषा मराठी होने के बाद भी राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का हिंदी में संबोधन
31 जनवरी को राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की शुरूआत हुई। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि यह संतोष की बात है कि विधानसभा के सभी 200 सदस्य स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा भवन के वास्तु दोष को हटाने के लिए मैंने कई वास्तुकारों को बुलाया। कुछ दोषों को दूर किया गया है, जो दोष अभी भी है, उन्हें जल्द ही हटाया जाएगा। वे चाहते हैं कि प्रदेश के सभी 200 विधायक अगले चार वर्ष तक विधानसभा में आते रहे।
देवनानी ने कहा कि पूर्व के समय के बारे में वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि पूरे प्रदेश उन दुखद परिस्थितियों से अवगत है। देवनानी ने भले ही पिछले कांग्रेस शासन का उल्लेख न किया हो, लेकिन सब जानते हैं कि वर्ष 2018 से 2023 के बीच कांग्रेस के विधायक कैलाश त्रिवेदी, भंवरलाल मेघवाल, गजेंद्र सिंह शक्तावत तथा भाजपा की विधायक श्रीमती किरण माहेश्वरी तथा गौतम लाल मीणा का निधन हुआ। मेघवाल का निधन तो मंत्री रहते हुए हुआ।
यही वजह रही कि विधानसभा में कभी भी एक साथ 200 विधायक नहीं देखे गए। विधायकों के निधन के कारण पांच वर्ष तक उपचुनाव भी होते रहे। देवनानी को लगता है कि विधायकों के निधन का एक कारण विधानसभा भवन में वास्तुदोष भी रहा है। यही वजह है कि देवनानी अब विधानसभा सदन के वास्तु दोष को हटाने का काम कर रहे हैं। देवनानी का भारतीय सनातन संस्कृति में अटूट विश्वास है, इसलिए विधानसभा की वार्षिक डायरी का प्रकाशन भी सनातन कैलेंडर के अनुरूप किया गया है।
राज्यपाल का हिंदी में संबोधन
31 जनवरी को राजस्थान विधानसभा में यह पहला अवसर रहा, जब हरिभाऊ बागड़े ने राज्यपाल के तौर पर अभिभाषण को पढ़ा। बागड़े महाराष्ट्र में भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। बागड़े की मातृभाषा मराठी है। लेकिन 31 जनवरी को बागड़े ने हिंदी में अभिभाषण पढ़ा। बागड़े ने जिस अंदाज में हिंदी में भाषण दिया, उससे ऐसा नहीं लगा कि उनकी मातृभाषा मराठी है। हिंदी में बोलने पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली आदि ने बागड़े की प्रशंसा की।