बजट 2025: संसद में 16 बिल भी पेश होंगे, दो बिलों पर हंगामा की आशंका

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संसद का बजट सत्र 2025 मिडिल क्लास के लिए राहत भरी घोषणाएँ और वक्फ बिल पर हंगामे की संभावना। 16 महत्वपूर्ण बिल पेश किए जाएंगे, जिसमें टैक्स में बदलाव और बैंकिंग कानूनों में सुधार शामिल हैं।

संसद का बजट सत्र 2025 काफी महत्वपूर्ण होने के बाद हंगामादार हो सकता है। महत्वपूर्ण इसलिए क्योंकि दिल्ली चुनाव को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मिडिल क्लास के लिए कई राहत भरा ऐलान कर सकती हैं तो हंगामादार इसलिए क्योंकि वक्फ बिल की जेपीसी रिपोर्ट पेश होने के साथ फाइनेंस बिल को भी सदन में पेश किया जा सकता है। संसद में इस बार 16 महत्पूर्ण बिल सदन में रखा जाएगा। हालांकि, बजट सत्र की शुरूआत आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 से किया जाएगा।

बजट सत्र के दौरान ही सदन में इस बार आपदा प्रबंधन कानून, कोस्टल एंड मर्चेंट शिपिंग बिल, डिसास्टर मैनेजमेंट एंड आयलफिल्ड्स रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट संशोधन बिल जैसे अहम बिल भी पेश किए जाएंगे। इसके अलावा गांवों के विकास से जुड़ा आनंद इंस्टीट्यूट आफ रूरल मैनेजमेंट का नाम बदलकर त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय करने और इसे राष्ट्रीय महत्व की संस्था घोषित करने के लिए भी विधेयक प्रस्तावित है।

वित्त विधेयक 2025: टैक्स मैनेजमेंट में बदलाव संभव

सरकार इस बार फाइनेंस बिल लाकर कई अहम सुधार करने जा रही है। माना यह जा रहा है कि सरकार नया टैक्स कोड लाने की योजना बना रही है जिससे इनकम टैक्स कानून को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा। हालांकि, यह नया टैक्स संहिता इस विधेयक में शामिल नहीं किया जाएगा बल्कि अलग दस्तावेज के रूप में बाद में पेश किया जाएगा। सरकार एक प्रस्ताव लाकर बैंकिंग कानूनों में भी बदलाव करने जा रही है। सरकार का दावा है कि बैंकिंग कानूनों में बदलाव से बैंकिंग सेक्टर की गवर्नेंस मजबूत होगी और कस्टमर्स की सुविधा बढ़ेगी।

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी रिपोर्ट

वक्फ अधिनियम में 44 बदलाव करने वाला संशोधन विधेयक पिछले साल अगस्त में पेश किया गया था। विपक्ष ने इसे लेकर संसद में जोरदार विरोध किया था, जिसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया। जेपीसी ने अपनी रिपोर्ट इस हफ्ते पेश की जिसमें सत्तारूढ़ दल के 14 सुझाव शामिल किए गए, जबकि विपक्ष के 44 सुझावों को खारिज कर दिया गया। विपक्ष के सारे सुझाव खारिज होने से यह मुद्दा विवादों में है। जेपीसी की रिपोर्ट अब संसद में पेश किया जाना है। माना जा रहा है कि इससे सत्र काफी हंगामादार हो सकता है।

यह विधेयक भी पेश हो सकते हैं…
तेल क्षेत्र (संशोधन) विधेयक: देश में तेल खोज और उत्पादन संबंधी नियमों को अपडेट किया जाएगा।
आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक: राज्य और केंद्र सरकारों की जिम्मेदारियों को स्पष्ट किया जाएगा ताकि तेज और प्रभावी राहत कार्य हो सके।
बॉयलर अधिनियम संशोधन विधेयक: उद्योगों में बॉयलर सेफ्टी के नए नियम लागू किए जाएंगे।
शिपिंग क्षेत्र से जुड़े कानूनों में बदलाव: यह विधेयक समुद्री परिवहन को आधुनिक बनाएंगे।
गोवा में अनुसूचित जनजातियों के लिए विधानसभा सीटों का पुनर्गठन करने वाला विधेयक भी पेश किया जा सकता है।

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