वायरस के प्रभाव से बदल जाती है आवाज
राजस्थान में एक और जानलेवा वायरस ने अपनी दस्तक दे दी है। जयपुर में इस जानलेवा वायरस के तीन केस मिले हैं। जयपुर से पहले सोलापुर (महाराष्ट्र) में यह केस मिला था। जिसे गुइलेन-बैरे सिंड्रोम कहा जाता है। फिलहाल मरीजों को जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स ने बताया कि 3 मरीजों में इस जानलेवा वायरस की पुष्टि हुई है। यह बीमारी बहुत पुरानी है। गंदगी की वजह से इसके केस बढ़ते हैं, इसमें मरीज के नर्वस सिस्टम पर अचानक से अटैक होता है। इस वायरस की वजह से मरीज में न्यूरोलॉजिकल डिसआॅर्डर संबंधित संबंधित समस्या होती है।
सतर्कता ही बचाव
एसएमएस के सीनियर प्रोफेसर डॉ. दिनेश खंडेलवाल ने बताया कि बीमारी की सबसे बड़ी वजह गंदगी में खान पान है। इसके अलावा बाजार में खुले में मिलने वाली चाट-पकौड़ी, पानी-पुरी, ठंडी चटनी, पानी आदि से इस वायरस के फैलने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए इससे बचाव के लिए सतर्क और साफ सुथरा रहने का प्रयास करें।
नर्व में करंट का फ्लो होता है कम
डॉ. दिनेश खंडेलवाल के अनुसार इस वायरस से प्रभावित मरीज के अंदर बनने वाली एंटीबॉडी ही शरीर की दुश्मन बन जाती है। वायरस खाना-पानी या सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाता है। वायरस एंटीबॉडी बैक्टिरिया के साथ-साथ ह्यूमन नर्व पर भी हमला करने लगते हैं साथ ही उनकी कवरिंग को डैमेज करती है, जिसकी वजह से नर्व में करंट का फ्लो कम होता है और हाथ-पांव में भी इसका प्रभाव दिखने लगता है।