राजस्थान से 2000 करोड़ की साइबर ठगी, दुबई तक कनेक्शन

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श्रीगंगानगर पुलिस ने 2000 करोड़ की साइबर ठगी का भंडाफोड़ किया है। मुख्य आरोपी अजय आर्य गिरफ्तार, कैप्प्मोरेफस कंपनी का डायरेक्टर। देशभर से हजारों शिकायतें दर्ज।

श्रीगंगानगर। राजस्थान पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर चलाए जा रहे आपरेशन साइबर सील्ड के तहत श्रीगंगानगर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2000 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी करने वाले गिरोह का पदार्फाश किया है। इस कार्रवाई में मुख्य आरोपी अजय आर्य को गिरफ्तार किया गया है, जो कैप्प्मोरेफस कंपनी का डायरेक्टर और इस साइबर गैंग का सरगना बताया जा रहा है।

कैसे हुआ खुलासा?

डीआईजी व एसपी गौरव यादव के अनुसार, कर्नाटक के निवासी कांटेप्पा बाबू चव्हाण ने पुरानी आबादी थाना, श्रीगंगानगर में शिकायत दर्ज करवाई थी। परिवादी ने बताया कि आरोपी अजय आर्य और उसके साथियों ने कैप्प्मोरेफस कंपनी के माध्यम से विजयपुरा (कर्नाटक) और अन्य स्थानों पर लाखों लोगों से निवेश करवाकर 2000 करोड़ रुपये की ठगी की। ठगी के बाद आरोपी फरार होकर श्रीगंगानगर आ गए थे।

85 लाख रुपये की लग्जरी कार समेत कई चीजों की ठगी

शिकायत के आधार पर पुलिस ने अजय आर्य के अंबिका सिटी-2 स्थित आलीशान घर पर छापा मारा और तलाशी के दौरान 10 लाख रुपये नकद, 3 सीपीयू, 6 मोबाइल फोन, 8 एटीएम कार्ड, 3 पैन कार्ड, 85 लाख रुपये की लग्जरी कार और कई साइबर धोखाधड़ी से जुड़े दस्तावेज बरामद किए।

कैसे करता था गिरोह ठगी?

जांच में सामने आया कि आरोपी अजय आर्य, सौरभ चावला, सलोनी चावला, कर्मजीत सिंह, बलजीत सिंह और राजेंद्र सिंह ने वर्ष 2022 में कर्नाटक के विजयपुरा जिले में “टेकेबल टेक” नामक कंपनी खोली थी। इस कंपनी के नाम पर लोगों को साइबर ट्रेनिंग देने के बहाने वे फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश करने का झांसा देते थे।

आरोपियों ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर हजारों लोगों को 2 गुना, 3 गुना मुनाफे का लालच देकर चैन सिस्टम के जरिए निवेश करवाया। शुरू में कुछ निवेशकों को दोगुनी रकम लौटाकर उनका विश्वास जीता, लेकिन बाद में कंपनी बंद कर 2000 करोड़ रुपये की ठगी कर फरार हो गए।

देशभर में हजारों शिकायतें दर्ज

जांच के दौरान पुलिस को प्रतिबिंब पोर्टल पर अजय आर्य और उसके गिरोह के खिलाफ हजारों शिकायतें दर्ज होने का पता चला। गिरोह के बैंक खातों की गहराई से जांच करने पर एक खाते में ही 76,000 आॅनलाइन शिकायतें दर्ज पाई गईं।

कंपनी बंद कर दुबई फरार हो गए आरोपी

गिरोह के सदस्य जून 2023 में कंपनी बंद कर दुबई फरार हो गए। दो महीने पहले, जब पीड़ित निवेशकों ने आरोपी से समझौते की मांग की, तो उन्हें श्रीगंगानगर बुलाकर धमकी दी गई। इसके बाद पुलिस ने अजय आर्य और उसके साथियों के खिलाफ बीएनएस और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।

राजस्थान पुलिस की बड़ी सफलता

पुलिस को संदेह है कि इस गिरोह ने ठगी के पैसे से भारत के विभिन्न शहरों में कई आलीशान मकान, लग्जरी गाड़ियां और प्लॉट खरीदे हैं। इन संपत्तियों की जांच जारी है और पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। यह आॅपरेशन साइबर अपराधियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, जिससे हजारों लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद है।

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