राजस्थान सरकार कोटा में बढ़ती छात्र आत्महत्याओं को रोकने के लिए नया कानून बनाने जा रही है। विधानसभा सत्र में इस संबंध में विधेयक पेश किया जाएगा। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था।
राजस्थान वैसे तो एजुकेशन के मामले में अन्य राज्यों से काफी आगे हैं। जहां कोटा और सीकर जैसे शहरों में लाखों की संख्या में दूसरे राज्यों के बच्चे मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए आते हैं। लेकिन राजस्थान के एजुकेशन हब के नाम से मशहूर कोटा से आए दिन एक खबर सामने आती है।
मामले में 10 फरवरी को सुनवाई
जहां कोई ना कोई स्टूडेंट सुसाइड कर लेता है। सालाना वहां करीब दो दर्जन स्टूडेंट सुसाइड करते हैं। अब इन्हीं सुसाइड को रोकने के लिए प्रदेश सरकार कानून बनाने जा रही है। 31 जनवरी से शुरू होने वाले विधानसभा क्षेत्र में इस कानून को लेकर विधेयक भी लाया जाएगा। दरअसल राजस्थान हाईकोर्ट ने आए दिन आत्महत्या की घटनाओं पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था। इसके बाद सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट को कानून बनाने की जानकारी दी है। अब इस मामले में 10 फरवरी को सुनवाई होगी।
इस संबंध में बिल भी पेश कर दिया जाएगा
मामले में राजस्थान हाईकोर्ट के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सरकार कोचिंग सेंटर्स के संचालन के लिए कानून बनाने जा रही है। इसके लिए वर्तमान में सभी बिंदुओं पर काम किया जा रहा है। संभावना है कि अब आगामी विधानसभा क्षेत्र में इस संबंध में बिल भी पेश कर दिया जाएगा।
जनवरी में 4 छात्र छात्रों ने किया सुसाइड
आपको बता दें कि कोटा में वर्तमान समय में करीब 2 लाख से ज्यादा बाहरी बच्चे रहते हैं। यदि बात की जाए इस साल जनवरी महीने की तो अब तक यहां पर चार स्टूडेंट सुसाइड कर चुके हैं। ज्यादातर की मौत का कारण तनाव रहता है। या तो स्टूडेंट परीक्षा में फेल होता है या फिर उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता और घर वाले उस पर प्रेशर डालते हैं तो वह तनाव में आ जाता है।