पुलिस के अजमेर रेंज मुखिया (ॐ) ओमप्रकाश वर्मा बने नायक

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पुलिस कर्मियों की बम्पर पदोन्नतियों से कमाल का उत्साह
मादक पदार्थ और साईबर अपराधियों की नाक में किसी गई नकेल
मगर…..बाज की असली उड़ान बाकी

अजमेर रेंज के पुलिस मुखिया ओमप्रकाश वर्मा इन दिनों पूरे पुलिस सिस्टम में नई जान फूंक रहे हैं। उनकी कार्यशैली की चारो ओर प्रशंसा हो रही है।

मित्रों! आपको तो पता ही है कि मैं हमेशा व्यक्ति पूजा के खिलाफ तो नहीं मगर सोच समझ कर ही किसी की शान में कसीदे काढता हूँ। पुलिस विभाग को लेकर तो अतिरिक्त रूप से सावधान रहता हूँ। आज यदि अजमेर रेंज के महानिरीक्षक ओम प्रकाश वर्मा की कार्यशैली पर कुछ कह रहा हूँ तो समझिए उनसे मैं पूरी तरह से प्रभावित हूँ।

‘ॐ’ प्रकाश! यहां ॐ शब्द का प्रयोग मैंने सोच समझ कर किया यह शब्द सनातनी परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। ओम प्रकाश जी इसी परंपरा के पुलिस अधिकारी हैं। कर्मचारियों की मनोदशा से पूरी तरह वाकिफ! निहायत संवेदनशील! हाल ही में उन्होंने जिस जिम्मेदारी से पुलिस कर्मियों के बम्पर प्रमोशन्स किये हैं वह अद्दभुत हैं।

मैं एक पुलिस अधिकारी का पुत्र हूँ इसलिए जानता हूँ कि पुलिस कर्मियों को किन किन कुंठाओं से गुजरना पड़ता है। पूरे कार्यकाल में उसका पद तरक्की की सीढ़ी नहीं चढ़ पाता।

मुखिया ओमप्रकाश जी अपने कर्मचारियों के इस दर्द को समझते हैं इसीलिए उन्होंने विभाग की बुनियाद को सम्मान देते हुए एक साथ बम्पर प्रमोशन कर दिए हैं।

कल उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में विभागीय उपलब्धियों का बखान किया। सच कहूं तो प्रमोशन्स के अलावा जो भी उपलब्धियां गिनाई गयीं उन पर प्रमोशन्स भारी हैं।

अजमेर रेंज के जिलों में काफी लंबे समय से लंबित चल रही विभागीय पदोनित परीक्षाओं को मुखिया ओम प्रकाश जी ने गंभीरता से लेते हुए परीक्षाओं का आयोजन करवाया। इसके लिए उन्होंने पुलिस मुख्यालय से समन्वय स्थापित किया और मात्र दो माह में रेंज के कुल 236 (स.उ.नि. पद पर 91 और हेड कांस्टेबल पद पर 145) पुलिसकर्मियों को पदोन्नति प्रदान की गईं। शेष बकाया विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं को भी निरंतर जारी रखते हुए शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण करवाई जाने का संकल्प लिया।

यदि इसी तरह पदोन्नतियों के द्वार खुले रखे गए तो निश्चित रूप से बेहतर पुलिस सिस्टम सक्रिय हो सकेगा।

आइए! अब यह भी जान लें कि मुखिया ओम प्रकाश जी के निर्देशन और मार्ग दर्शन में रेंज पुलिस ने किन किन क्षेत्रों में पुलिस की शान में इजाफा किया।

रेंज स्तरीय एक दिवसीय अभियान में 446 चोरी या खोए हुए मोबाइल फोन बरामद किए गए। इनकी अनुमानित कीमत 1 करोड रुपए से अधिक की है।

रेंज में मादक पदार्थों की रोकथाम अभियान में 77 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए और 100 अपराधी गिरफ्तार हुए। इनसे भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ जब्त किए गए।

मुखिया की बेहतरीन मोनिटरिंग के कारण ही साइबर अपराधियों के विरुद्ध भी जानदार कार्रवाई की गई। रेंज के विभिन्न जिलों में कुल 280 साइबर अपराधियों को चिन्हित किया गया। इनमें 8 साइबर अपराधियों के विरुद्ध प्रकरण भी दर्ज हुए। इसी कार्यवाही में 22 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार भी किया गया। इस अभियान के दौरान साइबर अपराधियों से 31 मोबाइल फोन, चार सिम कार्ड, दो लैपटॉप, 41 एटीएम कार्ड तथा एक स्कॉर्पियो भी जप्त की गई।

निश्चित रूप से रेंज पुलिस में ये सारे काम सराहनीय हुए हैं लेकिन अभी भी बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें पुलिस को बेहतर परिणाम सामने लाने होंगे। मादक पदार्थों के क्षेत्र में की गई कार्यवाही में अभी और रफ़्तार लानी जरूरी है। अजमेर संभाग नशे के कारोबार में राज्य का सबसे बड़ा ट्रांजिट सेंटर बना हुआ है। सूखे नशे के क्षेत्र में अजमेर देश भर की सुर्खियों में रहता है। अजमेर और पुष्कर में सूखे नशे का अरबों का काला कारोबार होता है।

इसके अलावा बांग्लादेश के घुसपैठियों पर लगाम कसने के लिए भी विशेष अभियान छेड़ा जाना चाहिए। रेंज में तन्हा रह रहे बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए भी योजना बद्ध तरीके से काम करना एक चुनौती है।

मुझे यकीन है कि मुखिया ओम प्रकाश जी सभी चुनौतियों को अपने जेहन में रख कर सार्थक और सकारात्मक अभियान की शुरूआत करेंगे। एक बार फिर रेंज पुलिस मुखिया को सैल्यूट।

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