
समाजसेवी मुरारीलाल मंगल के 75वें जन्मदिन पर हुआ राजनीतिक विमर्श
आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने भी दी शुभकामनाएं
नवगठित जिले खैरथल में 18 जनवरी को समाजसेवी और मेरे मामा मुरारीलाल मंगल का 75वां जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया गया। खैरथल के चालीस फुटा मार्ग पर स्थित युवा व्यवसायी पंकज गर्ग के निवास पर दोपहर के भोजन के समय राजनीतिक विमर्श भी हुआ। मंगल को जन्मदिन की बधाई देने के लिए आरटीडीसी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ खासतौर से जयपुर से खैरथल आए। उनके साथ खैरथल के गांधी माने जाने वाल 85 वर्षीय कांग्रेसी विधायक दीपचंद खैरिया, कोटकासिम की तेज तर्रार प्रधान डॉ. विनोद कुमारी सागवान, किशनगढ़ बास के प्रधान बीपी सुमन, खैरथल नगर परिषद में प्रतिपक्ष के नेता विक्रम सिंह चौधरी, पीसीसी सदस्य गिरीश डाटा, ब्लॉक अध्यक्ष शिवचरण गुप्ता, पार्षद नारायण छगानी, रिपुदमन गुप्ता, जयराम पूनिया, वीरेंद्र चौधरी, नवीन अग्रवाल, विपिन मंगल आदि भी साथ थे।
धर्मेन्द्र राठौड़ ने विधायक खैरिया की इस बात की प्रशंसा की कि कांग्रेस के शासन में जब अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार पर राजनीतिक संकट आया तब खैरिया पूरे दम के साथ खड़े रहे। चूंकि तब विधायकों का प्रबंधन धर्मेन्द्र राठौड़ के पास ही था, इसलिए उन्हें सभी विधायकों की डिमांड (सुविधाओं) की जानकारी थी।कुछ विधायकों को तो हेलीकॉप्टर से इधर उधर ले जाया गया। राठौड़ ने कहा कि तब दीपचंद खैरिया उन चुनिंदा विधायकों में शामिल थे जिन्होंने कोई डिमांड नहीं की। यहां तक की अपने परिजन से मुलाकात करने की जिद भी नहीं की।
खैरिया का कहना रहा कि मैं अशोक गहलोत का सबसे मजबूत सिपाही हं। तब खैरिया ने गहलोत को बताया कि उन्हें पचास करोड़ रुपए तक का प्रलोभन मिला है। सब जानते हैं कि जुलाई अगस्त 2020 में कांग्रेस के शासन में राजनीतिक अस्थिरता हुई थी। तब गहलोत समर्थक विधायकों को जयपुर और जैसलमेर की होटलों में रहना पड़ा था। 18 जनवरी को मुरारी लाल मंगल के जन्मदिन के अवसर पर पुरानी बातें भी सामने आई। जब सरकार स्थित हरे गई, तब सीएम गहलोत ने खैरिया से पूछा कि आपको क्या चाहिए। गहलोत को भी पता था कि खैरिया ने पचास करोड़ का आॅफर ठुकराया है, लेकिन खैरिया ने स्वयं को मंत्री बनाने या कोई बड़ा काम करवाने की मांग रखने के बजाए कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र खैरथल (अलवर) को जिला बना दिया जाए।
खैरिया ने कहा कि गहलोत ने अपने वादे के मुताबिक खैरथल को जिला बनाया। कहा जा सकता है कि जो पचास करोड़ रुपए का जो आॅफर ठुकराया उसी की एवज में ही खैरथल को जिला घोषित किया। एक ओर जहां जिला बनवाने का श्रेय विधायक खैरिया को जाता है तो वहीं जिले को खत्म होने से बचाने का श्रेय भाजपा के मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को है। भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के द्वारा बनाए गए 17 में से 9 जिलों को समाप्त कर दिया । यदि भूपेंद्र यादव खेरथल से सांसद नहीं होते तो खैरथल भी जिला नहीं रहता।
खैरथल में विधायक खैरिया की लोकप्रियता बाबा के नाम से भी हो गई है। 85 वर्ष की उम्र में भी खैरिया रात दिन सक्रिय है। स्वस्थ रहने का सबसे बड़ा कारण खानपान पर नियंत्रण है। धर्मेन्द्र राठौड़ के साथ आए अतिथियों ने भले ही लंच लिया हो, लेकिन टेबल पर बैठने के बाद भी विधायक खैरिया ने कुछ नहीं खाया। खैरिया ने कहा कि वह स्वादिष्ट भोजन नहीं करते हैं।