साल बचे हैं चार!

0
(0)

सब्र तो कर मेरे यार
धीरे- धीरे हो जाएगा प्यार
बंदे धीरे धीरे हो जाएगा प्यार

इस बार नहीं तो कभी नहीं। शायद राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इस नारे को अजमेर के विकास से जोड़ कर अपना लिया है। पिछले 15 साल के कार्यकाल का उपसंहार वह इस कार्यकाल में करना चाहते हैं। उनका यह कार्यकाल किस तरह यादगार और ऐतिहासिक बन सके इसके लिए उन्होंने पंच वर्षीय योजना बना ली है।

पहले साल में उन्होंने अजमेर के विकास को लेकर ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया है। सरकारी संसाधनों की सीमाएं तय की हैं। विशेषज्ञ और अनुभवी हुनरमंदों की टीम लगाकर विकास का रोड मैप बनाया है। शहर की समस्याओं का बिना उत्तर दक्षिण के भेदभाव से खाका तैयार किया है। बजट की रूप रेखा तैयार की है और योजनाओं के क्रम को तय किया है।

देवनानी जी की कार्य योजना में जो सबसे प्राथमिकता से किया जाने वाला कार्य था वो खादिम टूरिस्ट बंगलो और के ई एम का नाम परिवर्तित करना था। प्रथम छ माह में ही खादिम टूरिस्ट बंगलो का नाम देवनानी जी ने परिवर्तित करवाकर “अजयमेरु” करवा दिया। आपको बता दूँ कि के ई एम होटल का नाम भी अतिशीघ्र “महर्षि दयानन्द सरस्वती” के नाम पर होने की घोषणा होने जा रही है। हालांकि के ई एम का नाम ‘बीसलदेव’ के नाम पर रखने पर भी विचार किया गया था।

अब देवनानी जी के कार्यकाल का दूसरा साल चल रहा है। जाहिर है कि उनके ड्रीम प्रोजेक्ट इस साल कागजों से बाहर निकल कर चहल कदमी करता नजर आने लगेगा।

जहां तक उनको लेकर मेरी समझ है वह सबसे पहले अजमेर की जल समस्याओं से दो दो हाथ करने के मूड में हैं। पिछले साल उनको लेकर उनके पुराने मुरीदों और आलोचक नेताओं ने जम कर उनके विरुद्ध जहर उगला। पानी की किल्लत पर तरह तरह से प्रहार किए। इस तरह से शोर मचाया जैसे देवनानी जी पानी के पेपर में फेल हो गए हैं। दक्षिण मुखी नेताओ और उनकी टीम ने ही नहीं तीसरे मोर्चे के दद्दू ने भी अपनी पेंट का बैल्ट खोल लिया।

अब उनको कौन समझाता कि कोई भी पुख़्ता इंतजाम पहले कागजों पर जन्म लेता है। जलदाय विभाग की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए जलदाय और वित्त मंत्रालय से स्वीकृति ली जाती है। वह लगभग ले ली गई है।

इस साल योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। शीघ्र ही योजनाओं का जिस्म बेलिबास होने लगेगा। कुछ हिस्से नजर आने लगेंगे। ये पूरा साल परीक्षण से गुजरेगा और दावा किया जा रहा है कि अगले साल से अजमेर की जल समस्या पर काफी हद तक सफलता प्राप्त कर ली जाएगी।

अजमेर के लिए प्रसन्नता की बात यह है कि राज्य के जल संसाधन मंत्री भी अजमेर जिÞले से हैं और वह भी अजमेर को जल पीड़ा से मुक्त करने के लिए भागीरथी प्रयास में जुट गए हैं। उनके काम में फिलहाल कुछ समय लगेगा मगर अगले चार सालों में अजमेर जिÞला जल आपूर्ति के मामले में शत प्रतिशत आत्म निर्भर हो जाएगा। मीन वाईल देवनानी जी तो हैं ही।

देवनानी जी ने पिछले वर्ष नागरिकों की मूलभूत सुविधाओं का जो खाका तैयार किया है उसमें सड़कें, बिजली, पानी प्रमुख हैं।

उनका एक और ड्रीम प्रोजेक्ट जो गायबाना नजर आ रहा है वह है आनासागर को मूल स्वरूप में लाना। बांडी नदी को अतिक्रमणकारियों से मुक्त करवाने के लिए उन्होंने विकास प्राधिकरण को कड़ी हिदायत दे दी है। उनकी हिदायत पर अतिक्रमण कतार्ओं को आखरी नोटिस भी दे दिया गया है।

बांडी नदी के साथ साथ आनासागर पर जानलेवा हमला करने वालों को भी सूचीबद्ध कर दिया गया है। वैट लैंड खाली करवाने के लिए देवनानी जी पूरी तरह से संकल्पित हैं। हो सकता है जल्द ही बड़ी कार्यवाहियों को सर अंजाम दे दिया जाए। गैस गोदाम का अंजाम तो पब्लिक देख ही चुकी है।

दोस्तों! आनासागर की मुक्ति के लिए मैं लम्बे समय से अपनी पूरी ताकत से जुटा हुआ हूँ। जब उसे हलाल किया जा रहा था तब भी मैं विरोध कर रहा था।

मुझे खुशी है कि देर से ही सही माननीय देवनानी जी मेरे अभियान से पूरी निष्ठा के साथ जुड़ गए है। यही एक वजह है जिसको लेकर मेरी कलम उनके साथ हो गई है। मेरा विरोध समर्थन में तब्दील हो चुका है। ईश्वर उनको दक्षिणी गर्म हवाओं से बचाए! तीसरे मोर्चे के लिए तो वह पहले से ही क्रीड़ा के मूड में हैं। डाल- डाल पात-पात वाले खेल का शुभारंभ हो चुका है।

अजमेर का भविष्य उज्ज्वल हो इसी कामना के साथ आज इतना ही।

क्या आप इस पोस्ट को रेटिंग दे सकते हैं?

इसे रेट करने के लिए किसी स्टार पर क्लिक करें!

औसत श्रेणी 0 / 5. वोटों की संख्या: 0

अब तक कोई वोट नहीं! इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

Leave a Comment