जस्टिस रानाडे के नाम के से प्रसिद्ध महादेव गोविंद रानाडे एक समाज सुधारक, भारतीय शिक्षाविद, न्यायविद, लेखक, अर्थशास्त्री और इतिहासकार होने के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक सदस्य थे। इतनी योग्यताओं के बाद भी वे धार्मिक और समाज सुधारक के रूप में ज्यादा प्रसिद्ध हुए। उन्होंने समाज के अनेक कुरीतियों को खत्म करने के लिए सार्थक प्रयास किए और हिंदू धार्मिक मान्यताओं को सुधारने में योगदान दिया।
भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के संघर्ष में बहुत से लोगों ने योगदान देने के साथ समाज सुधार जैसे काम भी किए हैं। उन्हें भारत देश और समाज के निर्माण के लिए ज्यादा जाना जाता है। महादेव गोविंद रानाडे जिन्हें जस्टिस रानाडे के नाम से जाना जाता है। उन्हीं में से एक थे। समाज और धर्म सुधार से लेकर देश में शिक्षा और उसके इतिहास के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए जस्टिस रानाडे को हमेशा ही याद किया जाता रहेगा। एक शांत और धैर्यशील आशावादी के रूप में प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी जस्टिस रानाडे की 16 जनवरी को पुण्यतिथि है।
पत्नी को भी किया शिक्षित
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जस्टिस रानाडे का जन्म 18 जनवरी 1842 को महाराष्ट्र में नासिक के निफाड़ कस्बे के कट्टर चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका बचपन कोल्हापुर में बीता था। जबां उनके पिता मंत्री थे। उनकी पहली की मृत्यु के बाद उनके समाज सुधारवादी मित्र चाहते थे। कि वे विधवा विवाह करें, लेकिन रानाडे ने परिवार की इच्छाओं का ख्याल रखते हुए एक बालिका रामाबाई रानाडे से विवाह किया और उन्हें शिक्षित किया। रामाबाई ने पति की मृत्यु के बाद उनके कार्यों को आगे बढ़ाया।
उच्च शिक्षा हासिल की
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रानाडे की शुरुआती शिक्षा कोल्हापुर के मराठी स्कूल में हुई और बाद में उन्होंने अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद 14 साल की उम्र में वे बम्बई के एल्फिस्टोन कॉलेज में पढ़ने चले गए। वे बॉम्बे यूनिवर्सिटी के पहले बैच के छात्र थे। 1962 में उन्होंने बीए और फिर चार साल बाद एलएलबी की डिग्री प्रथम श्रेणी में हासिल की।
ज्योतिषी और हस्तरेखाविद
मो. 9116089175