भजन सरकार के जश्न, पीएम मोदी की चादर और ख्वाजा उर्स शांति के साथ संपन्न
कलेक्टर लोकबंधु और एसपी वंदिता राणा की मेहनत सफल
पिछले एक माह से अजमेर में ताबड़तोड़ आयोजन हो रहे हैं। आयोजन भी ऐसे जिसमें कई लाख लोग एकत्रित हो रहे है। गत दिसंबर माह में कायड़ विश्राम स्थली पर जहां भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के एक वर्ष के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय किसान सम्मेलन हुआ, तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जयपुर में हुई जनसभा में शामिल होने के लिए जोधपुर की ओर से आने वाले साठ हजार कार्यकतार्ओं का ठहराव भी इसी विश्राम स्थली पर हुआ। लाखों लोगों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन के द्वारा की गई।
आमतौर पर इतने बड़े आयोजनों में अव्यवस्था हो ही जाती है, लेकिन इन दोनों बड़े कार्यक्रमों में कोई गड़बड़ी नहीं हुई। इस बार दरगाह में ख्वाजा साहब का सालाना उर्स दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे से उत्पन्न हालातों के बीच हुआ। अंदेशा था कि इस बार उर्स में गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन 10 जनवरी को ख्वाजा उर्स के सभी धार्मिक आयोजन शांति के साथ संपन्न हो गए। उर्स की शुरूआत 1 जनवरी को हुई थी। इस बीच 4 जनवरी को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी चादर पेश की।
इतना ही नहीं मंत्री रिजिजू ने दरगाह के महफिल खाने में वेब पोर्टल और मोबाइल एप की लॉन्चिंग भी की। जिस माहौल में उर्स की तैयारियां शुरू हुई थी, उसमें सभी आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न होगा जिला प्रशासन के लिए बड़ी उपलब्धि है। जिला कलेक्टर लोकबंधु और पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने रात और दिन जो मेहनत की उसी का परिणाम है कि आज पूरा प्रशासन सुकून महसूस कर रहा है। इस बीच पाकिस्तान का जायरीन दल भी अजमेर आ गया।
कलेक्टर और एसपी ने सिर्फ अपने कार्य को तवज्जो दी। आमतौर पर ऐसे मौकों पर बड़े अधिकारी मीडिया में चर्चित रहते हैं, लेकिन कलेक्टर लोकबंधु और एसपी राणा ने जरुरत के मुताबिक ही मीडिया से संवाद किया। बहुत कम अवसर रहे जब यह दोनों अधिकारी मीडिया के कैमरों के सामने आए। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि इन दोनों अधिकारियों के लिए ख्वाजा साहब का उर्स पहला अनुभव था, लेकिन दोनों इस चुनौती को भी स्वीकार किया।