गायब हो रहे हैं गली मोहल्लों से कुत्ते
कहीं उनके गोश्त का गलत इस्तेमाल तो नहीं हो रहा
अजमेर के कुत्ते और उनकी औलादें बहुत बुरे दिनों से गुजर रही हैं। इतिहास में उनके लिए इससे बदतर समय कभी नहीं आया होगा। शहर से कुत्तों का पलायन हो रहा है या अपहरण, यह जाँच का विषय हो सकता है मगर यह सफेद सच है कि विगत 15 दिनों में अजमेर की गलियों और मोहल्लों से बड़ी तादाद में कुत्ते नदारद हैं।
पिछले दिनों सोशल मीडिया के कुछ ग्रुप्स में एक वीडियो क्लिप वायरल हुई थी जिसमें तीन कुत्तों को रस्सी से बांध कर कोई मोटरसाइकिल सवार घसीटते हुए ले जा रहा था। वीडियो देख कर अजीब तो लगा मगर एतबार नहीं हुआ। अब अचानक लोग मुखर होने लगे तो पता चल रहा है कि शहर में तेजी से कुत्तों की संख्या में कमी आ रही है।
अजमेर के गली मोहल्लों वाले लोगों का कहना है कि उनकी गली में जो कुत्ते बरसों से घूमते फिरते नजर आते थे। उनके घरों के बाहर ही बैठे रहते थे वे नजर नहीं आ रहे। ऐसे कुत्ते जो पिछले दिनों पिता बने वह भी अपने बीबी बच्चों को छोड़ कर गायब हैं।
शायद आपको मेरे इस ब्लॉग के विषय परिवर्तन पर आश्चर्य हो मगर मैं यह ब्लॉग पूरी जिÞम्मेदारी से लिख रहा हूँ। कृपया आप जिस भी मोहल्ले में रहते हैं जरा गलियों में घूम कर देखें कि कुछ दिन पहले जितने कुत्ते आपको विभिन्न गतिविधियों में संलग्न पाए जाते थे क्या वे नजर आ रहे हैं। मेरा दावा है कि आप स्वयं महसूस करेंगे कि वाकई कई कुत्ते नदारद हैं।
मदार जे पी नगर के रिटायर्ड आर ए एस अधिकारी ने बताया कि वे रोज अपने वृद्ध साथियों की मंडली के साथ घूमने जाते हैं। आस पास के मोहल्लों से भी मित्र शिव मंदिर पर मिलते हैं। इन सभी ने अपने अपने मोहल्लों से कुत्तों के गायब होने की बात स्वीकार की।
गुलाब बाड़ी में रहने वाले सुमेर सिंह जी सरकारी कर्मचारी हैं। वह रोज अपने साथ बिस्कुट्स लेकर दफ़्तर जाते हैं। रास्ते के मोड़ों पर कुत्ते उनका इंतजार करते हैं। उनका भी कहना है कि पिछले दिनों से उनके परिचित कुत्ते नजर नहीं आ रहे।
अब सवाल यह कि शहर के कुत्ते जा कहाँ रहे हैं। जब मूल भूत सुविधाओं के अभाव में मोहल्ले वाले ही मोहल्ले नहीं छोड़ रहे। नार्किक जीवन भोगने वाले भी अपनी जिÞंदगी का साथ निभा रहे हैं तब कुत्ते क्यों मोहल्ले छोड़ रहे हैं?
क्या वास्तव में कुछ संगठित गिरोह उनका अपहरण तो नहीं कर रहे?कहीं अपहरण के बाद उनकी हत्याएं तो नहीं की जा रहीं?कहीं उनके ताजा माँस का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा?कहीं गोश्त की पिछले दिनों शहर में बढ़ी माँग की पूर्ति तो नहीं की जा रही
इन सवालों के जवाब में ही छिपा है कुत्तों के गायब होने का कारण।कुत्ते स्वेच्छा से गायब नहीं हो रहे। निश्चित रूप से कुछ अपराधी तत्व उनको किसी खास प्रयोजन के लिए रातों रात गायब कर रहे हैं।
इस रहस्य से क्या कोई पर्दा उठा सकता है। शायद हाँ। शायद ना। ईश्वर और अल्लाह यदि एक ही हैं तो एक साथ और अगर अलग अलग हैं तो उनसे अलग अलग प्रार्थना है कि इन कुत्तों की हिफाजत करे। जो गायब हो गए हैं उनको पुन: प्रकट करे और यदि मारे गए हैं तो उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। यदि उनके गोश्त का किसी ने इस्तेमाल कर लिया हो तो उनको सेहताब रखे। तथास्तु। आमीन।