जंगल की अर्थव्यवस्था

5
(2)

दो घनिष्ठ मित्र जंगल में घुस गये। दोनों उच्च शिक्षित थे  | इन्हें अर्थव्यवस्था की उच्च समझ थी | जंगल में चलते-चलते अचानक उन्हें ततैयों का छत्ता दिखाई दिया। एक ने अगले से कहा कि

अगर तुम अपनी उंगली ततैया के छत्ते के अंदर डाल सको तो मैं तुम्हें 1,000,00 रुपये दूंगा।

दूसरा मित्र पहले तो झिझका लेकिन अचानक सेल्फी संस्कृति की प्रेरणा जाग उठी। उसने अपनी उंगली ततैया के छत्ते के अंदर डाल दी। 

जैसा कि अपेक्षित था, ततैयों को यह अप्रत्याशित बहादुरी पसंद नहीं आई और उन्होंने इस बहादुरी के लिए उन्हें कई चुंबन पदक दिए। ततैयों के डंक से जोरदार प्रहार के बाद आखिर थके हुए ततैयों ने अंततः उन्हें सूजे हुए, लाल और सूजन वाले चेहरे के साथ छोड़ दिया।

पहले दोस्त ने कहा

माफ करना दोस्त.. मेरा ये मतलब नहीं था…

दूसरे दोस्त ने जवाब दिया..

अरे मूर्ख ! तुम नहीं जानते कि हमने इस जंगल की अर्थव्यवस्था को 2,000,00 रुपये तक बढ़ा दिया है।

ततैयों के सरदार ने उन्हें यह कहते सुन लिया | लेकिन उसे यह समझ नहीं आयी की ततैयों के डंक मारने से जंगल की अर्थव्यस्था दो लाख रूपये कैसे बढ़ गयी ?
जबकि ततैयों को तो एक धेला भी नहीं मिला ? आपके समझ आयी हो तो कमेंट दे कर कृपया जनता का भला करें..

क्या आप इस पोस्ट को रेटिंग दे सकते हैं?

इसे रेट करने के लिए किसी स्टार पर क्लिक करें!

औसत श्रेणी 5 / 5. वोटों की संख्या: 2

अब तक कोई वोट नहीं! इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

Leave a Comment