भारत में पाकिस्तान के हिमायती पड़ोसी मुल्क के हालात देख लें
6 जनवरी को भी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में एक आत्मघाती हमले में 47 सुरक्षाकर्मी मारे गए और इतने ही बुरी तरह जख्मी हुए। पाकिस्तान में आए दिन इस तरह के आत्मघाती बम विस्फोट हो रहे हैं। इन हमलों को निशाना पाकिस्तान के सुरक्षा बल ही है। पाकिस्तान की सेना को एक और देश के अंदर ही आतंकवाद से मुकाबला करना पड़ रहा है तो देश की सीमा पर अफगानिस्तान से आए तालिबान के लड़ाकों से युद्ध करना पड़ रहा है।
गंभीर बात यह है कि दोनों ही स्थानों पर पाकिस्तान की सेना को मात खानी पड़ रही है। यानी पाकिस्तान की सेना देश के अंदर और देश की सीमा पर पीट रही है। पाकिस्तान के हाल ही में अफगानिस्तान पर जो हवाई हमला किया उससे तालिबान के लड़ाके बुरी तरह गुस्से में है। अब जब तालिबानी पाकिस्तान की सीमा में घुस गए हैं तो सेना मुकाबला करने में विफल है।
तालिबान के सशस्त्र लड़ाकों ने पाकिस्तान की कई चौकियों पर कब्जा भी कर लिया है। दो तरफा हमलों से पाकिस्तान की सेना पस्त हो गई है। भारत में जो लोग पाकिस्तान के हिमायती है उन्हें अब पड़ोसी मुल्क के हालात देख लेने चाहिए। पाकिस्तान भी 1947 में भारत के साथ आजाद हुआ था। तब मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान को मुस्लिम राष्ट्र घोषित किया और भारत पंथनिरपेक्ष राष्ट्र बना। मुस्लिम राष्ट्र होने के बावजूद पाकिस्तान में लगातार आपसी संघर्ष हो रहा है। आज पाकिस्तान के शासक कटोरा लेकर दुनिया भर में कर्ज की भीख मांग रहे है, जबकि भारत आर्थिक दृष्टि से दुनिया की पांचवीं महाशक्ति है।
भारत में सरकार की ओर से 81 करोड़ लोगों को प्रति माह पांच किलो अनाज मुफ्त दिया जा रहा है। जबकि पाकिस्तान में गरीब व्यक्ति को भी 80 रुपए किलो अनाज खरीदना पड़ रहा है। भारत में हर सरकारी सुविधा 25 करोड़ मुसलमानों को भी आसानी से उपलब्ध है। दुनिया के मुस्लिम राष्ट्र भी मानते हैं कि भारत में मुसलमान सम्मान और समृद्धि के साथ रह रहा है, लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि राजनीतिक स्वार्थ की खातिर भारत के कुछ नेता मुसलमानों के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाते हैं। ऐसे नेताओं को पाकिस्तान में मुसलमानों के हालात देखने चाहिए।