अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बंद होंगे, इस भ्रम को जल्द से जल्द दूर किया जाए

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जिन मंत्रियों को समीक्षा समिति का सदस्य बनाया, उनके निर्वाचन क्षेत्र में भी ऐसी स्कूल चल रही है
डिप्टी सीएम बैरवा पहले ही अपने क्षेत्र दूदू का जिले का दर्जा समाप्त करवा चुके हैं

पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जो 17 नए जिले बनाए थे, उनमें से 9 जिलों को वर्तमान भाजपा सरकार ने समाप्त कर दिया। यही वजह है कि अब राजस्थान के तीन हजार 736 अंग्रेजी माध्यम के सरकारी स्कूलों को बंद करने का भ्रम हो गया है। भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय कमेटी का गठन 3 जनवरी को किया है।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि कांग्रेस सरकार ने हिंदी माध्यम वाले स्कूलों पर अंग्रेजी माध्यम का बोर्ड लगाया था। किसी भी स्कूल को इंग्लिश मीडियम के अनुरूप तैयार नहीं किया। यही वजह है कि अब इंग्लिश मीडियम वाले स्कूलों के विद्यार्थी भाग रहे हैं। सरकार और शिक्षा मंत्री का अपना तर्क है, लेकिन इंग्लिश मीडियम स्कूलों के प्रति अभिभावकों का आकर्षण रहा है। यही वजह है कि कई सरकारी स्कूलों में तो लॉटरी से एडमिशन हो रहे है। असल में आज हर अभिभावक चाहता है कि उसका बच्चा इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़े।

यही वजह रही कि कांग्रेस सरकार में जब हिंदी मीडियम को अंग्रेजी मीडियम स्कूल में बदला गया तो 7 लाख विद्यार्थियों ने प्रवेश ले लिया। 3 हजार 736 इंग्लिश मीडियम स्कूलों में 45 हजार शिक्षकों को नियुक्ति करनी पड़ी। इंग्लिश मीडियम स्कूलों की पढ़ाई की गुणवत्ता कैसी भी हो, लेकिन अभिभावकों और विद्यार्थियों का आकर्षण देखा गया है। यही वजह है कि अब जब इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय समिति बनाई गई है तो प्रदेश भर के अभिभावकों को स्कूल बंद होने की चिंता सता रही है। अभिभावकों का कहना है कि यदि इन स्कूलों को बंद किया गया तो उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा? भजन सरकार को इस भ्रम की स्थिति को जल्द से जल्द साफ करना चाहिए।

यह सही है कि अनेक स्कूल इंग्लिश मीडियम के मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे हैं, लेकिन ऐसे स्कूलों को बंद करने के बजाए इन स्कूलों को इंग्लिश मीडियम के मापदंड के अनुरूप तैयार करना चाहिए। सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम बनाने का निर्णय भले ही पिछली कांग्रेस सरकार का हो, लेकिन यह निर्णय अभिभावकों को खुश करने वाला है। समीक्षा के लिए जिन मंत्रियों को कमेटी में शामिल किया गया है, उन सभी चारों मंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्र में भी इंग्लिश मीडियम के स्कूल हैं। कमेटी का अध्यक्ष डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया है।

बैरवा के दूदू निर्वाचन क्षेत्र में 59 सरकारी स्कूल इंग्लिश मीडियम के है। इसी प्रकार गजेंद्र सिंह खींवसर के लोहावट में 33, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के क्षेत्र में 8 तथा सुमित गोदारा के क्षेत्र में 45 स्कूले हैं। डिप्टी सीएम बैरवा के सामने तो दूदू को जिला खत्म करने की चुनौती भी दी है। सरकार ने जिला 9 जिलों को समाप्त किया उसमें दूदू भी शामिल है और अब दूदू के 59 इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर तलवार लटक गई है।

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