श्रीगंगानगर में 14 साल की बच्ची की शादी होते-होते रुक गई। बारात आने और रस्में शुरू होने के बाद प्रशासन की टीम ने शादी रुकवाई और दूल्हे समेत परिजनों को हिरासत में ले लिया।
श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिल के एक गांव में एक परिवार अपनी बेटी की शादी कर रहा था। बेटिया सजधज कर दुल्हन बन चुकी थी, वो मंडप तक जा पहुंची थी। वहीं दूल्हा भी बारात लेकर आ गया था। गाजे-बाजे के साथ पहले बारात लगाई और लड़की वालों ने उनका खूब स्वागत-सत्कार किया। दूल्हा फेरे लेने मंडप में अगल कदम रखने ही वाला था कि पीछे से पुलिस आ गई और हथकड़ी पहना दी। साथ में उसके पिता को भी अरेस्ट कर लिया। अब शेरवाली पहने दूल्हा जेल में बंद हो चुका है। वहीं दुल्हन मंडप में बैठी-बैठी रोती रही वजह थी कि उसकी शादी के लिए उम्र पूरी नहीं हुई थी।
मंगल गीत गाते हुए शादी की रस्में पूरी होने से पहले रूक गईं
दरअसल, यह शादी श्रीगंगानगर जिले में ग्राम पंचायत चार जैड क्षेत्र की रामदेव कॉलोनी में शुक्रवार को चल रही थी। बाल विवाह की सूचना पर बाल कल्याण समिति, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन और जवाहरनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर विवाह रुकवाया। संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर किशोरी की आयु संबंधी दस्तावेजों की जांच की, जिसमें उसकी उम्र मात्र 14 साल पाई गई। नाबालिग होने के कारण टीम ने तुरंत शादी रुकवाई और दूल्हे व बारातियों को अनूपगढ़ वापस लौटा दिया, लेकिन इससे पहले पुलिस उन सबको थाने में ले गई। वहां जाकर उन्हें अच्छे से समझाया गया।
पुलिस ने परिवार को दी कड़ी चेतावनी
किशोरी के परिजनों को बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई के बारे में समझाया गया और भविष्य में ऐसी घटना न दोहराने की चेतावनी दी गई। हलवाई और फोटोग्राफर को भी कानून का पालन करने की हिदायत दी गई। इस दौरान शादी करवाने वाला पाठी मौका देखकर फरार हो गया।
लड़की का भविष्य अंधकारमय होने से बच गया
चूंकि विवाह स्थल जवाहरनगर थाना क्षेत्र में आता था, इसलिए वहां पुलिस का विशेष पहरा तैनात किया गया। टीम की मुस्तैदी से यह बाल विवाह टल गया, जिससे एक नाबालिग लड़की का भविष्य अंधकारमय होने से बच गया। शुक्रवार 12 बजे जब शादी की रस्में जोरों पर थीं और मेहमान खाने-पीने में व्यस्त थे, तभी संयुक्त टीम ने पहुंचकर पूरी शादी की प्रक्रिया को रोक दिया। मंगल गीतों की धुन के बीच हुए इस हस्तक्षेप ने सबको हैरान कर दिया, लेकिन यह प्रशासन की कड़ी निगरानी और जागरूकता का नतीजा था।