वैज्ञानिकों ने दुनिया को कर दिया हैरान
चीन ने मेडिकल में फिर कमाल कर दिखाया है
36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई से सफल सर्जरी की
रोबोट और सैटेलाइट के जरिए सर्जरी किया गया
महाभारत या रामायण की कहानियां हम बचपन से ही पढ़ते-सुनते आ रहे हैं। हम अपने दादा-दादी और नाना-नानी की कहानियों में कई बार सुने होंगे कि युद्ध करते समय बुरी तरह से घायल सैनिक या जिनके हाथ-पैर टूट जाते थे, उनकी बड़ी कुशलता से शल्य चिकित्सा से या सर्जरी करके उन्हें स्वस्थ्य किया जाता था। ऐसे अनेक उदाहरण मिल जाते हैं।
महाभारत में अर्जुन की कहानी: ऐसा कहा जाता है कि अर्जुन की दो बार मृत्यु हुई थी। दोनों ही बार उनको प्लास्टिक सर्जरी करके जिंदा किया गया था। वहीं, रामायण काल में राम-रावण के युद्ध के दौरान घायल लक्ष्मण का इलाज रावण के राजवैद्य सुषेण ने किया था। भगवान गणेश को कैसे भूल सकते हैं, भगवान शिव ने क्रोध में गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था, लेकिन पार्वती जी कहने पर हाथी का सिर लगाया था।
प्राचीन काल में उन्नत मेडिकल हैं उदाहरण
क्या ये सभी उदाहरण ये नहीं दर्शाते हैं कि प्राचीन काल से ही भारत में मेडिकल सिस्टम काफी उन्नत था- सर्जरी, आयुर्वेद या फिर शल्य चिकित्सा पुराण, महाभारत काल हो या रामायण में काफी उन्नत थे। पूरी दुनिया आज भी भारत के प्राचीन चिकित्सा व्यवस्था का लोहा मानती है, लेकिन आज हम इसकी बात क्यों कर रहे हैं? दरअसल, चीन ने हाल ही में सेटेलाइट और रोबोट के जरिए सर्जरी किया है।
चीन ने एक उन्नत किस्म की चिकित्सा विकसित की है। चीन ने विश्व की पहली सैटेलाइट आधारित अल्ट्रा-रिमोट सर्जरी डेवलप की है। चीन को इसके जरिए सर्जरी में सफलता मिली है। इसकी मदद से युद्ध के मैदान में घायल सैनिकों का आसानी से इलाज किया जा सकेगा। चीन की सरकारी टीवी के अनुसार, पृथ्वी से 36,000 किमी ऊपर एपस्टार-6डी ब्रॉडबैंड कम्यूनिकेशन उपग्रह का उपयोग करते हुए पीपुल्स लिबरेशन आर्मी जनरल अस्पताल के डॉक्टरों ने तिब्बत के ल्हासा, युन्नान के दाली और हैनान के सान्या से दूर से पांच आपरेशन किए।
मरीजों का सफल इलाज
चीन ने बीजिंग में रहने वाले मरीजों के लीवर, गॉलब्लैडर या अग्न्याशय की सर्जरी की। ये सर्जरी स्वदेशी सर्जिकल रोबोट सिस्टम की सहायता से की गई। सर्जरी सफल रहा, सभी मरीज ठीक हो गए और अगले दिन उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। चीनी मीडिया के सर्जरी के दौरान रोबोट को डाटा ट्रांसफर में कुल 1,50,000 किलोमीटर की दूरी तय की। यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मोर्चों पर पहली बार हुआ।
खतरनाक चोटों को इलाज संभव होगा
चीन का यह सैटेलाइट शल्य चिकित्सा चीन के पर्वतों और जलडमरूमध्य तक फैली हुई है। यह चीन के घरेलू उपग्रह टेक्नोलॉजी और रोबोट प्रणालियों का उपयोग करके लंबी दूरी के जटिल आॅपरेशन को सफल अंजाम देती हैं। चीन की यह सफलता मेडिकल और इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की में ब्रेकथ्रू माना जा रहा है, जो भविष्य में खतरनाक चोटों को आसान इलाज संभव करेगी।
कब लॉन्च हुआ
बताते चलें कि Apstar-6D एक उच्च-थ्रूपुट कम्यूनिकेशन उपग्रह है। इसे 2020 में लॉन्च किया गया था। इसका जीवन काल 15 साल का है। इसकी क्षमता 50 जीबी प्रति सेकेंड है। यह एशिया-प्रशांत के क्षेत्र के कवर करता है, खासकर हवाई और समुद्री रास्तों, या फिर कहें कि धरती के एक तिहाई क्षेत्र कि निगरानी कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अभूतपूर्व आॅपरेशन ने दूर-दराज की सर्जरी को पूरी तरह से सामान्य और कमर्शियल क्लिनिकल प्रैक्टिस बनने के करीब ला दिया है। इसके जरिए निर्बाध रूप से 24/7 वैश्विक रूप से कवरेज किया जा सकेगा। दुनिया भर में किसी भी स्थान पर सर्जिकल इलाज को सक्षम बनाया जा सकेगा।