4 जनवरी को पीएम मोदी की ओर से मजार शरीफ पर चादर पेश होगी
अजमेर में चल रहे ख्वाजा साहब के उर्स में 2 जनवरी को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य और वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार की ओर से ख्वाजा साहब की मजार पर सूफी परंपरा के अनुरूप चादर पेश की गई। इंद्रेश कुमार की ओर से भेजी गई इस चादर को राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक अबू बकर नकवी, रेशमा हुसैन, इरशाद अली, अहसास अंसारी, अजीज खान, निजामुद्दीन अब्बासी आदि मुस्लिम प्रतिनिधि अजमेर लाए।
इस अवसर पर इंद्रेश कुमार का संदेश भी पढ़कर सुनाया गया। इंद्रेश कुमार ने अपने संदेश में कहा कि ख्वाजा साहब की शिक्षाएं हमें मानवता, प्रेम और शांति का संदेश देती है। इस अवसर पर देश भर के लोगों के लिए दुआ भी की गई। अबू बकर नवकी ने बताया कि इंद्रेश कुमार की ओर से प्रति वर्ष ख्वाजा उर्स में चादर पेश की जाती है। इंद्रेश कुमार के मार्गदर्शन में ही राष्ट्रीय मुस्लिम मंच बना हुआ है, जो आम मुसलमानों को राष्ट्र की मुख्यधारा से जोड़ने का काम करता है। उन्होंने कहा कि संघ के प्रतिनिधि की चादर हमें सभी धर्मों के बीच आपसी भाईचारे और सौहार्द को बढ़ाने का संदेश देती है।
पीएम की चादर 4 को
ख्वाजा साहब के 813 वें सालाना उर्स में चार जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मजार शरीफ पर चादर पेश की जाएगी। इस चादर को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरण रिजिजू पेश करेंगे। पीएम मोदी की ओर से गत 11 वर्षों से उर्स के दौरान चादर पेश की जा रही है। लेकिन इस बार पीएम की चादर का विशेष महत्व है। क्योंकि अजमेर की सिविल अदालत में दरगाह में मंदिर होने के मामले में सर्वे के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय, पुरातत्व विभाग और दरगाह कमेटी को नोटिस जारी कर रखे हैं। इस नोटिस के बाद ही देश भर में अजमेर दरगाह का मुद्दा उछल रहा है।
ऐसे में पीएम मोदी की ओर से चादर विशेष महत्व रखती है। जिस प्रकार इंद्रेश कुमार ने उर्स में अपना संदेश दिया उसी प्रकार पीएम मोदी की ओर से भी जायरीन के लिए संदेश दिया जाता है। 4 जनवरी को भी पीएम मोदी का संदेश दरगाह में पढ़कर सुनाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री रिजिजू 4 जनवरी को ही ख्वाजा साहब के जीवन से जुड़े वेब पोर्टल और ऐप की लॉन्चिंग भी करेंगे। इस ऐप के माध्यम से देश विदेश के लोग दरगाह की धार्मिक रस्मों का लाइव प्रसारण देख सकेंगे।