भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के प्रभारी राधा मोहन अग्रवाल ने 31 दिसंबर को जयपुर में कहा कि भाजपा के संगठन पर्व के अंतर्गत युवा और नए चेहरों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रकृति का नियम है कि जब पेड़ पर नए पत्ते आते हैं तो पुराने अपने आप हट जाते हैं। अपने इस बयान के बाद 2 जनवरी को अग्रवाल ने न्यूज 18 के चैनल पर कहा कि 35 से 45 वर्ष की उम्र वाले कार्यकतार्ओं को ही प्रदेश में मंडल अध्यक्षों के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। इसी प्रकार 45 से 60 वर्ष की उम्र वाले कार्यकतार्ओं को जिला अध्यक्ष के पद पर चयन होगा।
राजस्थान में भाजपा के 1135 मंडल हैं तथा करीब 50 जिला अध्यक्ष है। अग्रवाल के इस बयान के बाद भाजपा के मौजूदा संगठन में खलबली मच गई है, क्योंकि अधिकांश मंडल अध्यक्ष और दावेदार 45 वर्ष से अधिक के हैं। इसी प्रकार अधिकांश जिला अध्यक्ष और दावेदार भी 60 से अधिक उम्र के हैं। अभी तक भाजपा में विधायकों और प्रभावशाली नेताओं की सिफारिश से ही मंडल और जिला अध्यक्ष बने रहे। लेकिन अग्रवाल ने अब उसका मापदंड घोषित कर बता दिया है कि युवा और नए चेहरों को ही संगठन में पद मिलेंगे।
अग्रवाल के इस ताजा बयान से उन नेताओं को निराशा हुई है जो 60 वर्ष की उम्र पार करने के बाद भी जिला अध्यक्ष बनना चाहते थे। हालांकि भाजपा में संगठन चुनाव 15 दिसंबर तक हो जाने चाहिए थे, लेकिन अभी तक भी मंडल और जिला अध्यक्षों के चुनाव नहीं हुए हैं। 2 जनवरी को ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने चुनाव के लिए प्रदेश प्रभारी नियुक्त किया है।
राजस्थान के लिए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय भाई रूपाणी को प्रभारी बनाया गया है। संगठन के पदाधिकारियों के साथ साथ भाजपा सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां का भी इंतजार किया जा रहा है। 70 निगम बोर्डों में से भी तक मात्र 7 पर नियुक्ति हुई है। भाजपा के कई नेताओं के पास तो संगठन और सरकार दोनों के पद है, जबकि भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू होता है।