शादी एक ऐसा रिश्ता है, जिसके साथ आपकी जिंदगी का एक नया अध्याय शुरू होता है। भारत में, लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 18 साल और लड़कों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल है। लेकिन करियर की ऊंचाइयों को छूने और एक अच्छी जिंदगी में चाह में कई युवा शादी करने में उम्र का 30 का आंकड़ा पार कर देते हैं। हालांकि शादी किस उम्र में करनी है, ये किसी व्यक्ति का बिलकुल निजी फैसला है। लेकिन इसके बाद भी शादी की उम्र में देरी का संबंध सामाजिक बाध्यताओं से जुड़ा नहीं उससे कहीं बड़ा है। कई बार खुद को सेटल करने और सही जीवनसाथी ढूंढने की देरी में जब उम्र 30 का आंकड़ा पार कर लेती है तो कई चुनौतियों और दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
1. फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता) पर असर: महिलाओं के लिए 30 की उम्र के बाद गर्भधारण की संभावना में गिरावट आ सकती है। उम्र बढ़ने के साथ अंडाणुओं की गुणवत्ता में कमी आती है, और इस कारण गर्भवती होने में दिक्कत हो सकती है। 30 की उम्र के बाद प्रसव धारण करने से लेकर बच्चा होने तक, कई जगह परेशानियां आ सकती हैं। कुछ अध्ययन यह भी बताते हैं कि महिलाओं के लिए 35 के बाद गर्भधारण में अधिक चुनौती होती है। वहीं पुरुषों में भी उम्र के साथ शुक्राणुओं की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। 30 की उम्र तक स्पर्म क्वालिटी और स्पर्म काउंट बेहतर रहता है।
2. संवेदनशीलता और मानसिक स्थिति: 30 के बाद लोग अधिक स्थिर और जिम्मेदार होते हैं, लेकिन इस उम्र के तक आपकी आदतें भी काफी स्थिर हो जाती हैं। ऐसे में शादी के बाद एडजस्ट करने में दोनों को ही परेशानियां आती हैं। अपनी लाइफस्टाइल में शादी जैसा बड़ा बदलाव बर्दाश्त करना कभी-कभी बड़ा दिक्कत वाला हो जाता है।
3. इसके अलावा लेट शादी करने से फिजिकल इंटिमेसी की परेशानियां देखी गई है। लेट शादी के कारण अक्सर लोग चिड़चिड़े हो जाते हैं और हर छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई झगड़ा करने लगते हैं। इससे रिश्ता खराब हो सकता है। 30 की उम्र के बाद सेक्स लाइफ पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में कपल्स एक दूसरे की इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाते हैं।
हालांकि जैसे हर बात के 2 पहलू होते हैं, वैसे ही लेट मैरेज के कुछ अच्छे पक्ष भी हैं कि 30 की उम्र तक लोग आमतौर पर अपने करियर में काफी आगे बढ़ चुके होते हैं और फाइनेंशियल तौर पर अधिक स्थिर होते हैं। इससे शादी में आर्थिक तनाव कम हो सकता है। वहीं इस उम्र में लोग अधिक परिपक्व और समझदार होते हैं, जिससे रिश्ते को समझने और निपटने में आसानी हो सकती है।