ब्लैक मेल होने के खतरों से रहें सावधान
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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के चक्कर में इन दिनों लड़कियों का जीवन बर्बाद हो सकता है। शातिर लोग अपनी बुद्धमानी का दुरुपयोग कर सकते हैं। आज मैं इस अंजाने विषय के माध्यम से फिर अपने मित्रों को एक दम नए विषय पर ब्लॉग लिख रहा हूँ। यह विषय न केवल आपको जानने की जरूरत है बल्कि इससे अपनी लड़कियों को सावधान करने की भी महत्ती जरूरत है।
अजमेर का ब्लैकमेल काण्ड आपको याद होगा उस कांड में अल्लाम युवकों ने युवतियों को सिलसिलेवार अपनी हवस का शिकार बनाया था। सैंकड़ों छात्राओं को ब्लैक मेल किया था। तब बदमाशों ने खुद की कारगुजारियों के चलते कांड को अंजाम दिया था। बाकायदा अपने प्रेम जाल में फंसाने का रास्ता अपनाया था। मगर इन दिनों ऐसे ब्लैकमेल कांड तकनीकी ज्ञान की नकली चाल गुजारियों से किसी भी युवती को अपने जाल में फंसा कर ब्लैक मेल किया जा सकता है। इसके लिए बदमाशों को सिर्फ़ किसी लड़की के फोटो की ही जरूरत होती है। इसके अलावा भी बहुत सी तकनीकों से युवती की निजता पर हमले किये जा सकते हैं।
ज्ञान गुंडों का खेल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए अब युवतियों और अन्य लोगों के साथ शुरू हो चुका है। बस जरा सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।
डिजीटल अरेस्ट के जितने मामले पिछले समय से सामने आ रहे हैं यह मामले तो सिर्फ़ मनोवैज्ञानिक दवाब बनाने से जुड़े हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इसमें जिÞयादा रोल नहीं। यह अपराध और भी खतरनाक है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरे डिजिटल अरेस्ट से भी। जिÞयादा खतरनाक हो सकते हैं।
कानपुर में एक युवक के साथ घटना घटी। उसके फोन को हैक करके अश्लील मैसेज किसी युवती को भेज दिया गया। जाँच में सामने आया कि युवक का उस मैसेज से कोई लेना देना ही नहीं था। बात यहां यह साफ हुई कि किसी के भी फोन से किसी को कुछ भी मैसेज भेजा सकता है। किसी युवती के फोन नम्बर का दुरुपयोग कर उसे बदनाम किया जा सकता है।
इस तरीके से किसी भी युवती का डेटा चोरी किया जा सकता है। ए आई सिस्टम में युवती के निजी चित्र भी कब्जे में किए जा सकते हैं। इसलिए मेरा कहना है कि युवक या युवतियाँ अपने अंतरंग चित्र या वीडियो मोबाइल में स्टोर न करें। इस इंटेलिजेंस से लड़कियों के सिस्टम को हैक करके अकाउन्ट्स नमंबर और पास वर्ड भी काम में लिए जा सकते हैं। जा सकता है और उनकी सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है । अ1 सिस्टम के कारण लड़कियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव डाल कर उनको गलत रास्ते पर ले जाया जा सकता है। जैसे कि सोशल मीडिया पर बदनामी का भय दिखा कर उनको ब्लैक मेल किया जा सकता है। मानसिक दबाव पैदा कर उनको पागलपन जैसी स्थिति में पहुंचाया जा सकता है। आत्महत्याओं की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
यहां कुछ और बातें मैं आपको बताना चाहूंगा । साइबर बुलिंग क्या होती है यह भी आप जान लें । तस्वीरों का दुरुपयोग करके लड़कियों को आॅनलाइन परेशान किया जा सकता है । फोटोशॉप और डीप फेक ऐसी कला हैं जिसमें तस्वीरों को बदलकर लड़कियों की छवि खराब करने के लिए उपयोग किया जा सकता है। नग्न चित्र से असली चेहरा बदल कर किसी अन्य युवती का चेहरा लगा कर उसे ब्लैक मेल किया जा सकता है। एक और शब्द इस इंटेलिजेंस में आता है। पोर्नोग्राफी और अभद्र सामग्री । इंटेलिजेंस से जुड़े लोग तस्वीरों का दुरुपयोग कर उसे अश्लील सामग्री में ढाल देते हैं । यहां तक की अश्लील वीडियो भी बनाए जा सकते हैं। जो केवल तस्वीरों की सहायता से ही संभव हो पाता है। तस्वीरों का उपयोग लड़कियों को सोशल मीडिया पर परेशान करने के लिए किया जा सकता है।
इस कला के द्वारा किसी भी लड़की की तस्वीर लेकर उसे किसी दूसरी पॉर्न मूवी के साथ जोड़ा जा सकता है, यानी शक्ल किसी लड़की की और अन्य किसी महिला का उसमें वीडियो हो सकता है। यह इतनी खूबी के साथ होता है कि कई बार तो असली नकली का अंतर करना सम्भव नहीं हो पाता। ऐसा लगता है जैसे कोई निर्दोष बच्ची वास्तव में गलत काम कर रही हो , जबकि असल में उस लड़की का उस वीडियो से कोई वास्ता नहीं होता। ऐसी स्थिति में जाहिर है कि बदमाश लोग ब्लैकमेलिंग के रास्ते खोल सकते हैं।
कई बार तस्वीरों का दुरुपयोग करके लड़कियों को ब्लैकमेल किया जाता है। तस्वीरों का दुरुपयोग करके लड़कियों को शारीरिक उत्पीड़न तक का शिकार बना लिया जाता है।
सोशल मीडिया पर कई बार आपने ऐसे वीडियो देखें होंगे जिसमें लोग प्रधानमंत्री तक को नृत्य करता दिखा देते हैं। दिग्गज नेताओं की आवाज में वो सब डायलॉग उनके ही मुँह से कहलवा दिए जाते हैं जो उन्होंने बोले ही नहीं होते। इस कला से लोग किसी को कहीं भी कुछ भी करता हुआ दिखा देते हैं। आप अपने शहर के किसी हिस्से से अमेरिका की संसद के बाहर नजर आ सकते हैं। जरा सोचिए कि हमारी बहन बेटियों के मुंह से ऐसा कुछ गलत कहलवा दिया जाए जो उसने कहा ही नहीं हो?करवा दिया जाए जो उसने किया ही नहीं हो। तो..
दोस्तो! आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों से बचना यूँ तो बहुत मुश्किल है फिर भी मैं कुछ सुझाव देना चाहूंगा।
मेरे ब्लॉग पढ़ने वालों को बता दूं कि आप स्वयं तो सावधानी बरतें ही साथ ही अपनी बच्चियों को भी सावधान होने को कहें।
नंबर एक तो यह सावधानी बरतें की कोई भी तस्वीर सोच समझ कर साझा करें। नंबर दो यह कि गोपनीयता सेटिंग्स का उपयोग करें। नंबर 3 यह कि अनजान लोगों से सावधान रहें। नंबर चार साइबर सुरक्षा टिप्स का पालन करें। नंबर पांच पुलिस और साइबर सेल को तुरन्त खतरा होने पर सूचित करें।
अपने मोबाईल में निजी जानकारी स्टोर रखने पर तत्काल ब्रेक लगा दें। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सोच समझ कर करें। यदि फिर भी कोई आप पर किसी प्रकार का दवाब बनाकर गलत काम करवाना चाह रहा हो तो घरवालों को बताकर उसकी शिकायत पुलिस को करें।