यूरिन की प्रक्रिया हमारे शरीर से विषैले पदार्थ और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने का एक तरीका है। गुर्दे खून को छानकर यूरिन बनाते हैं, जो मूत्रवाहिनी (यूरीटर्स) के माध्यम से मूत्राशय (ब्लैडर) में जमा होता है। मूत्राशय एक थैली की तरह काम करता है, जो यूरिन को स्टोर करता है।
जब मूत्राशय भर जाता है, तो यह मस्तिष्क को संकेत भेजता है, जिससे पेशाब करने की इच्छा होती है। पेशाब करते समय, मूत्राशय की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं और मूत्रमार्ग (यूरीथ्रा) की मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं। इस प्रक्रिया से यूरिन आसानी से बाहर निकलता है। अगर यह तालमेल किसी कारण से बिगड़ जाए, तो पेशाब के बाद बूंद-बूंद यूरिन टपकने की समस्या हो सकती है।
अगर मैं आपको एकदम साधारण भाषा में समझाऊं तो,
जैसे कोई पाइप पूरी तरह से खाली नहीं होता और थोड़ा थोड़ा पानी टपकता रहता है, उसी तरह मूत्राशय में बचा हुआ यूरिन बूंद-बूंद बाहर आ सकता है।
बूंद-बूंद पेशाब आने के कारण और समाधान,
1. मांसपेशियों की कमजोरी
यह समस्या तब होती है, जब मूत्राशय या मूत्रमार्ग की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। कमजोर मांसपेशियां यूरिन को पूरी तरह बाहर निकालने में सक्षम नहीं होतीं, जिससे बचा हुआ यूरिन बूंद-बूंद टपकता है।
घर पर रहकर इस समस्या का ऐसे करे समाधान ,
पेल्विक मांसपेशियों की एक्सरसाइज,
इस व्यायाम में पेशाब रोकने और छोड़ने जैसी क्रिया की जाती है। दिन में 10-15 बार इसे करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
इस एक्सरसाइज को कैसे करें?
अगर आप कुर्सी पर बैठे हैं, तो प्राइवेट पार्ट के पास मांसपेशियों को ऐसे कसें, जैसे आप पेशाब रोकने की कोशिश कर रहे हों।
2. प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या (पुरुषों में)
पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से मूत्रमार्ग संकरा हो जाता है, जिससे पेशाब पूरी तरह से नहीं निकलता। जैसे नली में रुकावट होने पर पानी ठीक से नहीं निकलता, वैसे ही प्रोस्टेट बढ़ने से यूरिन अटक जाता है।
घर पर रहकर इस समस्या का ऐसे करे समाधान
अधिक पानी पिएं और पेशाब करते समय मूत्राशय को खाली करने का प्रयास करें।
3. मूत्राशय का पूरी तरह खाली न होना (रीटेंशन)
कभी-कभी मूत्राशय में बचा हुआ यूरिन बूंद-बूंद बाहर आता है। यह तंत्रिका तंत्र की गड़बड़ी या मूत्राशय की कमजोरी के कारण हो सकता है।
आसान भाषा में
जैसे किसी कप में थोड़ा पानी बचा रहता है और आप उसे दो बार पलटकर खाली करते हैं, वैसे ही डबल वॉयडिंग मददगार हो सकती है।
घर पर रहकर इस समस्या का ऐसे करे समाधान
पेशाब करने के बाद 15-20 सेकंड रुकें और फिर से पेशाब करने की कोशिश करें।
4. तंत्रिका तंत्र की कमजोरी हो जाना
मधुमेह, रीढ़ की हड्डी की चोट या किसी न्यूरोलॉजिकल समस्या के कारण मूत्राशय और मस्तिष्क के बीच का संचार बिगड़ सकता है।
आसान भाषा में
जैसे फोन का नेटवर्क कमजोर होने पर मैसेज देर से पहुंचता है, वैसे ही नसों की समस्या में मूत्राशय के संकेत सही समय पर मस्तिष्क तक नहीं पहुंचते।
घर पर रहकर इस समस्या का ऐसे करे समाधान
मूत्राशय के संकेतों को पहचानने की आदत डालें। मतलब हल्का पेशाब महसूस होते ही तुरंत पेशाब करने जाएं।
5. मूत्रमार्ग में रुकावट या संक्रमण का होना
मूत्रमार्ग में पथरी, सूजन, या संक्रमण (वळक) के कारण यूरिन रुक सकता है और बूंद-बूंद बाहर आ सकता है।
आसान भाषा में
जैसे गंदे पाइप में रुकावट होती है, वैसे ही संक्रमण या पथरी मूत्रमार्ग को प्रभावित करती है।
घर पर रहकर इस समस्या का ऐसे करे समाधान,
पर्याप्त पानी पिएं ताकि मूत्रमार्ग साफ रहे।
6. पेट में दबाव या तनाव
कब्ज या पेट में दबाव से मूत्राशय पर असर पड़ सकता है, जिससे पेशाब करने के बाद बूंद-बूंद यूरिन टपक सकता है।
आसान भाषा में
जैसे किसी थैली पर दबाव पड़ने से उसमें बचा हुआ तरल बाहर आ जाता है, वैसे ही पेट का दबाव मूत्राशय पर असर डालता है।
घर पर रहकर इस समस्या का ऐसे करे समाधान
फाइबर युक्त आहार लें और पेट साफ रखने की कोशिश करें।
नियमित व्यायाम करें।
अपनी जीवनशैली में यह सभी बदलाव लाए।
1. पर्याप्त पानी पिएं, इससे शरीर हाइड्रेटेड रहेगा और मूत्रमार्ग साफ रहेगा।
2. कैफीन और अल्कोहल कम करें क्योंकि ये पदार्थ मूत्राशय को उत्तेजित करते हैं।
3. डॉक्टर से परामर्श लें क्योंकि बार-बार समस्या होने पर विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक हो जाता है।
इन सभी उपायों से पेशाब के बाद बूंद-बूंद यूरिन टपकने की समस्या को रोका जा सकता है और सामान्य जीवन जीने में मदद मिलती है।
डा. पीयूष त्रिवेदी ,आयुर्वेद विशेषज्ञ राजस्थान विधानसभा जयपुर