जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब नरसिम्हा राव का दिल्ली में अंतिम संस्कार भी नहीं होने दिया गया
मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी तो मनमोहन सिंह का दिल्ली में स्मारक भी बनवाएंगे
यदि मोदी सरकार ने स्मारक नहीं बनवाया तो पिता राजीव गांधी के स्मारक परिसर में ही मनमोहन सिंह का स्मारक बनाएंगे-प्रियंका गांधी
वाजपेयी की तरह समाधि स्थल बनाना चाहिए-अशोक गहलोत
28 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान केसाथ दिल्ली के निगम बोध घाट पर किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के अनेक मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, चीफ आॅफ आर्मी स्टाफ, तीनों सेनाओं के चीफ, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे, गांधी परिवार के सभी सदस्य तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
अंतिम संस्कार से पहले डॉ. सिंह के शव को कांग्रेस मुख्यालय पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। सशस्त्र बलों की सलीम के साथ डॉ. सिंह के शव को अग्नि को समर्पित किया गया। शव यात्रा में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी आदि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शामिल रहे। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी अंतिम संस्कार में भाग लिया। कांग्रेस चाहती थी कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार उस विशिष्ट स्थान पर हो जहां समाधि स्थल बनाया जा सके। इसके लिए 27 दिसंबर को ही राष्ट्रीय अध्यक्ष खडगे ने एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लिखा। इतना ही नहीं खडगे ने मोदी और शाह से टेलीफोन पर बात कर आग्रह भी किया।
सरकार की ओर से कांग्रेस को स्पष्ट किया गया कि किसी पूर्व प्रधानमंत्री का अंतिम संस्कार विशिष्ट स्थान पर करने और वही पर समाधि बनाने का कोई नियम प्रावधान नहीं है। स्वयं मन मोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे, तो वर्ष 2013 में जो कमेटी बनाई उसने भी किसी पूर्व पीएम के लिए विशिष्ट स्थान पर अंतिम संस्कार और समाधि बनाने की सिफारिश नहीं की, लेकिन मोदी सरकार की ओर से कांग्रेस को भरोसा दिलाया गया कि डॉ. मनमोहन सिंह की राष्ट्र सेवा को देखते हुए दिल्ली में ही स्मारक बनाया जाएगा।
सरकार उचित स्थान का चयन कर स्मारक बनाने का काम जल्द करेगी। सरकार के इस जबवा पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का कहना है कि यदि सरकार स्मारक नहीं बनवाएगी तो हम अपने पिता राजीव गांधी के स्मारक स्थल परिसर में डॉ. सिंह का स्मारक बनवाएंगे।
राव का दिल्ली में अंतिम संस्कार तक नहीं हुआ
पूर्व पीएम डॉ. सिंह को उचित सम्मान मिले इस पर किसी को भी ऐतराज नहीं है। लेकिन अच्छा होता कि कांग्रेस ने जो सहानुभूति मनमोहन सिंह के प्रति दिखाई वैसी ही सहानुभूति पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव के प्रति भी दिखाई जाती। राव भी मनमोहन सिंह की तरह ही कांग्रेस की गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री रहे थे। देश के आर्थिक विकास में नरसिम्हा राव की भूमिका भी महत्वपूर्ण थी। विदेशी निवेश के सबसे पहले नरसिम्हा राव ने ही भारत के बाजारों को खोला था।
राव ने अल्पमत में होते हुए भी कांग्रेस की सरकार को पांच वर्षों तक चलाया, लेकिन इतिहास गवाह है कि जब नरसिम्हा राव का निधन हुआ तो दिल्ली में उनका अंतिम संस्कार तक नहीं होने दिया गया। राव के शव को हैदराबाद ले जाया गया, जहां परिजन ने अंतिम संस्कार किया। तब वर्ष 2004 में मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री के पद पर आसीन थे, लेकिन कांग्रेस और गांधी परिवार के किसी भी सदस्य ने नरसिम्हा राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में विशिष्ट स्थल पर करने और फिर समाधि स्थल बनाने की मांग नहीं की। कांग्रेस चाहती तो उस समय नरसिम्हा राव का दिल्ली में बड़ा समाधि स्थल बन सकता था। यह भी इतिहास में दर्ज है कि संजय गांधी किसी संवैधानिक पद पर नहीं रहे, लेकिन फिर भी दिल्ली में समाधि स्थल बना हुआ है। ऐसा इसलिए हो पाया कि तब उनकी माताजी श्रीमती इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी।
वाजपेयी की तरह समाधि स्थल
डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मीडिया से संवाद करते हुए कहा कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार विशिष्ट स्थान पर होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर मोदी सरकार ने विशेष निर्णय लेकर वाजपेयी का विशिष्ट स्थान पर अंतिम संस्कार किया और वहीं पर समाधि स्थल भी बनाया।
गहलोत ने कहा कि सरकार के पास विशेषाधिकार होते हैं, अच्छा होता कि सरकार डॉ. सिंह के परिजनों से संवाद कर विशिष्ट स्थान पर अंतिम संस्कार करवाती। निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार किया जाना डॉ. सिंह की गरिमा के अनुरूप नहीं है। गहलोत ने कहा कि वर्ष 2010 में जब वे राजस्थान के मुख्यमंत्री थे, तब पूर्व उपराष्ट्रपति भैरो सिंह शेखावत का निधन हुआ, तब उन्होंने जयपुर के विद्याधर नगर में विशिष्ट स्थान पर शेखावत का समाधि स्थल बनवाया।