उर्स से पहले दरगाह क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के मामले को बेवजह तूल दिया गया।
बाजारों से अतिक्रमण हटाने का फायदा जायरीन को ही मिलेगा
आसमान में चांद दिखने पर अजमेर स्थित दरगाह में ख्वाजा साहब का 6 दिवसीय सालाना उर्स 1 जनवरी से शुरू हो जाएगा। उर्स में आने वाले जायरीन को कोई असुविधा न हो इसके लिए दरगाह से सटे नला बाजार, अंदर कोट आदि बाजारों से 26 दिसंबर को अस्थाई अतिक्रमण हटाए गए। दुकानों के बाहर नालियों पर बने पक्के अतिक्रमणों को हटाने के लिए जेसीबी मशीन भी दरगाह क्षेत्र में लाई गई। कहीं कोई विवाद की स्थिति नहीं थी। अनेक दुकानदारों ने स्वेच्छा से ही अपने अतिक्रमण हटा लिए।
भले ही अंदरकोट क्षेत्र मुस्लिम बाहुल्य हो, लेकिन नाला बाजार और दरगाह बाजार में अधिकांश दुकानें हिंदुओं की है। यानी हिंदू दुकानदारों के भी अतिक्रमण हटाए गए, लेकिन अतिक्रमण हटाने के दौरान न्यूज चैनलों और यूट्यूबर्स ने माहौल को खराब करने वाला काम किया। सब जानते हैं कि राष्ट्रीय हिंदू सेना ने दरगाह के अंदर शिव मंदिर होने का दावा करते हुए अजमेर की सिविल अदालत में वाद दायर कर रखा है। जब शिव मंदिर के दावे की खबरों के बीच दरगाह के आसपास जेसीबी मशीनों को देखा गया तो राष्ट्रीय न्यूज चैनल वालों ने अजमेर दरगाह के दर पर आया बुलडोजर शीर्षक से खबरों का प्रसारण कर दिया। ऐसी खबरों से देश भर में गलत संदेश गया।
केंद्र और राज्य सरकार ने भी जिला प्रशासन से हकीकत की जानकारी ली। इससे जो माहौल बना उसके कारण अजमेर नगर निगम को एक ही दिन में अतिक्रमण हटाओ अभियान खत्म करना पड़ा। यदि दरगाह के आसपास के बाजारों से अस्थाई अतिक्रमण हटता है तो इसका फायदा उर्स में आने वाले जायरीन को ही मिलेगा। यदि 26 दिसंबर को मीडिया सकारात्मक नजरिए से रिपोर्टिंग करता तो अतिक्रमण हटाने का अभियान दो तीन दिन चल सकता था। मीडिया खासकर राष्ट्रीय मीडिया को अजमेर दरगाह के मामले में सावधानी और जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करनी चाहिए।
दिल्ली में बैठकर पत्रकारिता करने वालों को एक बार अजमेर आ कर दरगाह क्षेत्र के हालात देखने चाहिए।
बाजारों में दुकानदारों के अतिक्रमणों से सड़क ही गायब हो गई है। दुपहिया वाहन ही नहीं बल्कि लोगों को पैदल चलने में परेशानी होती है। घनी आबादी वाले इलाकों में आग लगने पर अग्निशमन के वाहन भी बड़ी मुश्किल से पहुंच पाते हैं। सवाल उठता है कि क्या नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को सरकारी सड़क से अतिक्रमण हटाने का अधिकार नहीं है? यदि सड़क चौड़ी होती है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन को ही होगा।