25 करोड़ मुस्लिम आबादी वाले भारत की सीमा पर हो रही दो मुस्लिम देशों में जंग
कश्मीर ही नहीं पंजाब और उत्तर पूर्वी राज्यों में पाकिस्तान के इशारे पर आतंकी वारदातें लगातार हो रही है। जो लोग पाकिस्तान में बैठे मुस्लिम कट्टरपंथियों के इशारे पर भारत में आतंकी वारदात करते हैं उन्हें अफगानिस्तान और पाकिस्तान की ताजा जंग से सबक लेना चाहिए। 25 दिसंबर को पाकिस्तान ने जो हमला किया उसमें अफगानिस्तान में पचास से ज्यादा लोग मारे गए।
150 से ज्यादा अफगानी अस्पतालों में भर्ती है। पाकिस्तान को अफगानिस्तान पर हवाई हमला इसलिए करना पड़ा क्योंकि कट्टरपंथी संगठन तालिबान के कब्जे वाले अफगानिस्तान की ओर से जो छापामार कार्यवाही की जा रही थी, उसमें पाकिस्तान की सेना को भारी नुकसान हो रहा था। मीडिया खबरों के मुताबिक अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद तालिबान लड़ाकों ने करीब एक हजार पाकिस्तान सैन्य अधिकारियों और जवानों को मौत के घाट उतार दिया।
पाकिस्तान के हमले के बाद 25 हजार तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान की ओर मार्च शुरू कर दिया है। अब खैबर पकथून की सीमा पर तालिबान और पाक सेना आमने सामने है। चूंकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ही मुस्लिम देश है, इसलिए इस जंग में मुसलमान ही मारे जा रहे है। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि दो मुस्लिम देशों में जंग भारत की सीमा पर ही हो रही है। दो वर्ष पहले जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया था, तब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। तब इमरान खान ने कहा कि था कि अफगानिस्तानी अमेरिका के बेडिय़ों से आजाद हो गए है। तब इमरान खान को यह पता नहीं था कि यही तालिबान एक दिन पाकिस्तान के लिए मुसीबत बनेगा।
दो वर्ष में ही पाकिस्तान को अफगानिस्तान के साथ जंग करनी पड़ रही है। असल में कट्टरपंथी विचारधारा किसी भी देश का विकास नहीं कर सकती है। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि भारत में अनेक राजनीतिक दलों के नेता कट्टरपंथियों के समर्थक है। जो लोग पाकिस्तान के इशारे पर भारत में आतंकी वारदात करते हैं उन्हें अफगानिस्तान और पाकिस्तान की ताजा जंग को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। भारत में 25 करोड़ मुस्लिम आबादी है जो दुनिया के किसी भी मुस्लिम देश से ज्यादा है। यही वजह है कि जब किसी मुस्लिम देश में घटना होती है तो उसका असर भारत पर भी पड़ता है।