राजनीति में जो होता है वह दिखता नहीं और जो दिखता है वो होता नहीं
19 दिसंबर को राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद 23 दिसंबर को दिल्ली में ही राजे ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की, लेकिन वसुंधरा राजे से मुलाकात के पहले सीएम शर्मा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से वन टू वन बात की। यानी वसुंधरा राजे की पीएम से और भजनलाल शर्मा की अमित शाह से मुलाकात के बाद वसुंधरा राजे और भजनलाल शर्मा के बीच वन टू वन बात हुई है।
दिल्ली की कड़कड़ाती सर्दी में हुई इन मुलाकातों के कारण राजस्थान में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इन मुलाकातों से यह तो स्पष्ट हो गया है कि अब राजस्थान की राजनीति में सीएम शर्मा ही सबसे मजबूत और बड़े नेता है। पूर्व में किसी भी भाजपा नेता का कद कितना भी बड़ा रहा हो, लेकिन मौजूदा समय में राजनीति के केंद्र बिंदु सीएम शर्मा ही है। यही वजह है कि सीएम शर्मा और राजे की वन टू वन मुलाकात के बाद प्रदेश में एक बार फिर मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा शुरू हो गई है। लेकिन पुरानी कहावत है कि राजनीति में जो होता है, वह दिखता नहीं है और जो दिखता है वो होता नही। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि सीएम शर्मा और राजे के बीच मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई चर्चा हुई है।
भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बने पूरे एक वर्ष हो गया है और उन्होंने इस एक वर्ग में राजनीति के सारे गुर सिख लिए है और जब राजनीति की दीक्षा नरेंद्र मोदी और अमित शाह से ली गई हो तो फिर किसी और नेता से राजनीति सीखने की जरुरत नहीं है। भले ही लोकसभा चुनाव में 11 सीटों पर हार हो गई हो, लेकिन भजनलाल शर्मा ने इस हार का बदला विधानसभा के 7 उपचुनावों में ले लिया है। सात में से भाजपा के पास सिर्फ एक सीट थी, लेकिन सीएम शर्मा ने पांच बार भाजपा उम्मीदवारों को जीत दिलवाई। कांग्रेस के बड़े बड़े नेता धराशायी हो गए और भाजपा के नेता देखते रह गए।
यह सही है कि अभी मंत्रिमंडल के विस्तार की गुंजाइश है। 3 में से मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री है। इन 24 में दीया कुमार डिप्टी सीएम और मंजू बाघमार राज्यमंत्री ही महिला मंत्री है। माना जा रहा है कि शेष 6 में से दो महिला विधायकों को मंत्री बनने का अवसर मिलेगा। इनमें सबसे ऊपर पांच बार की विधायक अनिता भदेल का नाम है। दीप्ति किरण माहेश्वरी, शोभा चौहान, सिद्धि कुमारी भी मंत्री पद की लाइन में लगी हुई है। जहां तक पुरुषों का सवाल है तो लंबी लाइन है। बाबा बालक नाथ, कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी, जगत सिंह, राजेंद्र गुर्जर, श्रीचंद कृपलानी, उदयलाल भडाना, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, बाल मुकुंद आचार्य, गोपाल शर्मा, देवी सिंह शेखावत, कुलदीप धनखड़ भी संभावित मंत्रियों में शामिल है।