उपचुनाव से जोड़कर दिखा दिया कि नाराजगी राजनीतिक है
आरएएस भरतराज गुर्जर ने अजमेर में नियुक्ति के लिए सिफारिश भी विधायक भदेल से ही करवाई थी
तो एससी वर्ग के लोग भी लामबंद हो सकते हैं
गत 8 नवंबर को नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा के अजमेर आगमन पर भाजपा विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने अजमेर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त भरतराज गुर्जर की शिकायत की। इस शिकायत के बाद प्राधिकरण की आयुक्त नित्या ने गुर्जर को अजमेर शहर से हटाकर किशनगढ़ क्षेत्र में नियुक्त कर दिया। यानी गुर्जर को प्राधिकरण से नहीं हटाया, लेकिन अब गुर्जर समाज के कुछ लोग विधायक भदेल से खफा है।
आरोप है कि भदेल ने मंत्री के समक्ष उपायुक्त गुर्जर को पीटने की धमकी दी। भरत राज गुर्जर को दी गई धमकी को कुछ लोग संपूर्ण गुर्जर समाज को धमकी मान रहे हैं, जबकि विधायक भदेल का कहना है कि उनका आशय उपायुक्त के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करवाना था। गुर्जर समाज में सक्रिय कांग्रेस के नेताओं ने तो यहां तक कह दिया कि यदि विधायक भदेल ने माफी नहीं मांगी तो देवली और दौसा के उपचुनावों में भाजपा को हरा दिया जाएगा। यह दोनों सीटें गुर्जर बाहुल्य मानी जाती है। उपचुनावों के परिणाम को जोड़कर यह दिखा दिया गया है कि भदेल का विरोध राजनीति से प्रेरित है।
सवाल उठता है कि एक अधिकारी के विरुद्ध जताई गई नाराजगी से गुर्जर समाज के विरोध का क्या औचित्य है? जबकि विधायक भदेल ने गुर्जर समाज को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। जो लोग भरतराज गुर्जर को मोहरा बना कर विधायक भदेल से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि आरएएस भरतराज गुर्जर की अजमेर विकास प्राधिकरण में नियुक्ति के पीछे भदेल की ही सिफारिश थी। यदि विधायक की इस अधिकारी अथवा गुर्जर समाज से नाराजगी होती तो फिर सिफारिश क्यों करती?
विधायक भदेल के खिलाफ राजनीतिक माहौल बनाने में कांग्रेस ही नहीं बल्कि भाजपा के कुछ नेताओं की भी भूमिका है। भाजपा के ये वो ही नेता है, जिन्होंने विधानसभा के चुनाव में अजमेर दक्षिण से अनिता भदेल को हरवाने का प्रयास किए। जहां तक आरएएस एसोसिएशन के विरोध का सवाल है तो अधिकारियों को अपने गिरेबान में भी झांकना चाहिए। आज सरकारी दफ्तरों में आम लोग अफसरशाही की वजह से ही परेशान है। आमतौर पर दफ्तरों में रिश्वत के बगैर कोई काम नहीं होता।
अच्छा हो कि आरएएस अधिकारी जनसेवक बनकर लोगों की समस्याओं का समाधान करें। यदि जनप्रतिनिधियों को आम लोगों की आवाज उठाने से रोका जाएगा तो पिुर आम लोगों की समस्याएं और बढ़ेंगी। विरोध करने खासकर कांग्रेस के नेताओं को यह भी समझना चाहिए कि अनिता भदेल अनुसूचित जाति वर्ग की प्रतिनिधि है। यदि गुर्जर समाज के कुछ लोग विरोध करेंगे तो फिर अनुसूचित जाति वर्ग के लोग भी लामबंद होंगे। एससी वर्ग के लोक लामबंद हुए तो फिर सभी सात सीटों पर कांग्रेस को परिणाम भुगतने होंगे। अनिता भदेल संपूर्ण राजस्थान में एक मात्र एससी वर्ग की महिला विधायक हैं जो लगातार एक सीट से ही पांच बार चुनाव जीती हैंँ। इतना ही नहीं अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री और सीपी जोशी के विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए श्रीमती भदेल को सर्वश्रेष्ठ विधायक होने का पुरस्कार भी मिला है।