महाराष्ट्र में अजित पंवार से गठबंधन करना भाजपा की राजनीतिक मजबूरी है
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में अजित पंवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने मुंबई की मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से नवाब मलिक और अणुशक्ति नगर सीट से सना मलिक को उम्मीदवार घोषित किया है। चुनाव में भाजपा का गठबंधन अजित पंवार की पार्टी से है, इसलिए इन दोनों उम्मीदवारों को भाजपा का भी समर्थन मिलेगा। भाजपा ने पिता-पुत्री को उम्मीदवार बनाए जाने का विरोध किया था, लेकिन अजीत पंवार ने इस विरोध को दरकिनार कर दिया।
असल में अजित पंवार को पता है कि दोनों सीटें मुस्लिम बाहुल्य है और यहां से नवाब परिवार के सदस्य ही चुनाव जीत सकते हैं। अपनी दो सीटें पक्की करने के लिए अजित पंवार ने मलिक और उनकी बेटी को उम्मीदवार बनाया है। पिता पुत्री की इस उम्मीदवारी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश किस दिशा में जा रहा है। यह नवाब मलिक वो ही है जिन पर भाजपा ने दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी दाऊद इब्राहिम का सहयोगी होने का आरोप लगाया था।
नवाब मलिक जब कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की शिवसेना के गठबंधन की सरकार में मंत्री थे, तब ईडी ने गिरफ्तार भी किया था। अभी भी नवाब मलिक जमानत पर है। यानी जिन नवाब मलिक पर देशद्रोह के आरोप लगे, उन्हें ही भाजपा समर्थन दे रही है। चुना वके शुरूआत मे ही महाराष्ट्र में भाजपा के वरिष्ठ नेता और मौजूदा समय में डिप्टी सीएम देवेंद्र फंडनवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए अजित पंवार की एनसीपी और एकनाथ शिंदे की शिवसेना का सहयोग जरूरी है।
यानी भाजपा इन दोनों दलों का सहयोग नहीं लेगी तो फिर महाराष्ट्र में भाजपा के गठबंधन वाली सरकार नहीं बन सकती है। मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। ऐसे में महाराष्ट्र में भाजपा के नियंत्रण वाली सरकार होना जरूरी है। इसके लिए भाजपा को भले ही दाउद इब्राहिम के सहयोगियों को समर्थन करना पड़े। अब जब भाजपा जैसी पार्टी भी नवाब मलिक जैसे उम्मीदवारों को समर्थन दे रही है तब देश के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
एस पी मित्तल
वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल