रईसी ऐसी भी

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 एटीम मशीन से जालसाजी करके रुपया निकालने वाले बाप-बेटे को सीतापुर पुलिस ने किया गिरफ्तार...

कैश में ही पेमेंट करते थे बाप-बेटे, जेब में डालकर चलते थे 500-500 के नोट

सीतापुर। यूपी के सीतापुर में जालसाजी करके एटीम मशीन से रुपया निकालने वाले पिता-पुत्र को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से एटीएम से निकाली गई 3500 रुपयों की नगदी सहित प्लास्टिक की पटरी भी बरामद की। दोनों लखनऊ के रहने वाले है। जालसाज उस समय पकड़े गए जब रुपये निकालने आए युवक का एटीएम में फंसा रुपया निकाल रहे थे। आरोपी एटीएम मशीन में प्लास्टिक की पटरी लगाकर रुपया निकाल लेते थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया। दोनों आरोपियों पर पहले से कई मुकदमें दर्ज हैं। हाल ही में जेल से छूटकर आए थे। जालसाजी का यह मामला महमूदाबाद कोतवाली क्षेत्र का है।

महमूदाबाद-लखनऊ मार्ग पर रेलवे स्टेशन के निकट फौजी रेस्टोरेंट के समीप एटीएम लगा है। महमूदाबाद कस्बे के रहने वाले रियाज एटीएम से पैसे निकालने गए और कार्ड लगाकर पांच हजार की राशि एंटर कर दी। लेनदेन सफल होने का मैसेज एटीएम की स्क्रीन पर दिखा। साथ ही पांच हजार रियाज के खाते से कटने का मैसेज भी मोबाइल पर आ गया लेकिन एटीएम मशीन से पैसे नहीं निकले। परेशान रियाज थोड़ा इंतजार करने के बाद बाहर आ गया।

कोतवाली पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया

एटीएम के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने लगा। इसी दौरान एटीएम मशीन के बाहर पहले से खड़े उमाकांत मिश्रा और उनका बेटा उदय मिश्रा एटीएम के अंदर पहुंच गए और मशीन में जहां से पैसा निकलता है, वहां लगी एक पटरी को हटाकर रुपए निकालने की कोशिश करने लगे। यह देखकर रुपया निकालने आए रियाज ने जब विरोध किया तो दोनों में विवाद होने लगा। रियाज के शोर मचाने पर आसपास के लोग आ गए और पुलिस को बुला लिया। मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने दोनों पिता-पुत्र को हिरासत में ले लिया। सीओ दिनेश शुक्ला ने बताया कि रियाज की तहरीर पर लखनऊ के गुडंबा के मिश्रपुर निवासी उमाकांत और उनके बेटे उदय मिश्रा के खिलाफ केस दर्जकर जेल भेजने की कार्रवाई की गई है।

सीओ ने आगे बताया, एटीएम से पैसे चुराने वाले दो शातिरों को महमूदाबाद थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। शुरूआती जानकारी में सामने आया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ लखनऊ में पहले से ही केस दर्ज हैं। दोनों आरोपी एटीएम में जाते थे। जहां से पैसा निकलता है, वहां पर पटरी लगा देते थे। जब कोई जाता था तो उसे आभाष होता था कि उसका पैसा मशीन में फंस गया है। जब पीड़ित बाहर निकल जाता था तो दोनों आरोपी मशीन से पैसा निकाल लेते थे।

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