स्थानीय दुकानदारों से ही दीपावली पर्व की खरीददारी करें। आखिर पीएम मोदी को भी छोटे कारोबारियों की चिंता हुई

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रोडवेज बसों पर राजस्थान और हरियाणा पुलिस की जवाबी कार्यवाही, भाजपा की बदनामी करवा रही है

27 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर मन की बात में देशवासियों से अपील की कि वह दीपावली पर्व की खरीददारी स्थानीय दुकानदारों से ही करें। पीएम मोदी की इस अपील को स्थानीय दुकानदारों की पीड़ा से जोड़ा जा रहा है। असल में देशी विदेशी, आॅनलाइन कंपनियों के कारण देश भर में छोटे दुकानदारों की बिक्री में भारी गिरावट आई है। अब परचून का सामान और दूध दही, सब्जी आदि भी मोबाइल पर आॅर्डर देकर घर पर मंगाई जा रही है।

रही सही कसर मॉल संस्कृति ने पूरी कर दी है। जिन शहरों में डी मार्ट, रिलायंस फ्रेश जैसी बड़ी कंपनियों के मॉल खुले हैं, उन शहरों के छोटे दुकानदार लगातार घाटे में चल रहे हैं। आनलाइन कंपनियों और मॉल संस्कृति को बढ़ावा केंद्र सरकार की नीतियों से ही मिला है, इसलिए अब कोई अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। यही वजह रही कि पीएम मोदी ने लोगों से स्थानीय उम्मीदवारों से ही दीपावली पर्व की खरीद करने की अपील की है। देखना होगा कि पीएम मोदी की इस अपील का लोगों पर कितना प्रभाव पड़ता है।

भाजपा की बदनामी

हरियाणा पुलिस की एक महिला कांस्टेबल से राजस्थान रोडवेज की बस में किराया मांगने पर जो विवाद हुआ, वह अब इन दोनों प्रदेशों की पुलिस तक पहुंच गया है। पहले हरियाणा की पुलिस ने राजस्थान की रोडवेज बसों का चालान शुरू किया तो अब हरियाणा रोडवेज की बसों का राजस्थान की सीमा में पुलिस चालान कर रही है। रोडवेज की बसें एक दूसरे के प्रदेशों में आती रहती है।

आमतौर पर दोनों प्रदेशों की पुलिस किसी भी अनियमितता को लेकर चालान नहीं करती, लेकिन अब कंडक्टर, ड्राइवर की वर्दी बस का फिटनेस, बस को प्रतिबंधित क्षेत्र में खड़ा करने, सवारियों की संख्या आदि को लेकर दोनों राज्यों की पुलिस चालान कर रही है। पिछले तीन दिन से दोनों राज्यों में रोडवेज और पुलिस प्रशासन में खलबली मची हुई है। इस जवाबी कार्यवाही से भाजपा की बदनामी हो रही है। क्योंकि दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है।

सवाल उठता है कि जब दोनों राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार है तो फिर पुलिस और रोडवेज प्रशासन आपस में दुश्मन की भूमिका क्यों निभा रहे हैं? ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री को इस लड़ाई की जानकारी नहीं है। जहां तक हरियाणा पुलिस की महिला कांस्टेबल का सवाल है तो उसका व्यवहार किसी भी दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता।

एस पी मित्तल

वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल

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