रतन टाटा की सम्पत्ति का बंटवारा, ज्यादातर हिस्सा दान

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प्यारे दोस्त और परिवार को क्या मिलेगा
रतन टाटा की सबसे बड़ी संपत्ति, ग्रुप कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी है
रतन टाटा के 2 बंगले टाटा संस के ईवार्ट इन्वेस्टमेंट के पास हैं
30 कारों का कलेक्शन म्यूजिम रखा जाएगा या नीलाम होगा

रतन टाटा अपने पीछे बिजनेस की एक बड़ी विरासत छोड़ गए, जिसे अब नोएल टाटा संभाल रहे हैं। टाटा ग्रुप को अपना उत्तराधिकारी तो मिल गया लेकिन अब रतन टाटा की प्रॉपर्टी किसे मिलेगी यह बड़ा सवाल है। इस बीच खबर आई है कि रतन टाटा की वसीयत में कई लोगों के नाम हैं इनमें आखिरी दिनों तक उनके सहायक रहे शांतनु नायडू का नाम भी शामिल है। इसके अलावा टाटा ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में उनके शेयरों किसे मिलेंगे, यह भी बताया गया है। रतन टाटा की सबसे बड़ी संपत्ति, ग्रुप की कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, उनके पास बंगला, कार और अन्य प्रॉपर्टीज हैं जिनका उनकी वसीयत में जिक्र है। आइये आपको बताते हैं किन लोगों या संस्था को मिलेगी रतन टाटा की संपत्ति

महान परंपरा को रखा बरकरार

टाटा समूह की चैरिटेबल ट्रस्ट को शेयर देने की परंपरा को ध्यान में रखते हुए, रतन टाटा की हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन को ट्रांसफर कर दी जाएगी। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्र बताते हैं कि टाटा संस के प्रमुख एन चंद्रशेखरन आरटीईएफ की अध्यक्षता कर सकते हैं।

किसे मिलेगा बंगला

कोलाबा में हलेकाई हाउस, जहां रतन टाटा अपने आखिरी समय तक रहते थे, का स्वामित्व टाटा संस की 100% सहायक कंपनी इवार्ट इन्वेस्टमेंट्स के पास है। इसका भविष्य इवर्ट द्वारा निर्धारित किया जाएगा। रतन टाटा ने हलेकाई हाउस और अलीबाग बंगले दोनों को डिजाइन किया, लेकिन अलीबाग की प्रॉपर्टी को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं है।

मुंबई के समंदर के किनारे जुहू स्थित घर, जो रतन टाटा और उनके परिवार भाई जिमी, सौतेले भाई नोएल टाटा और सौतेली माँ सिमोन टाटा को उनके पिता नवल टाटा की मृत्यु के बाद विरासत में मिला था। सूत्रों का कहना है कि इसे काफी सालों से बेचने की योजना है इसलिए यह 20 साल से बंद पड़ा है।

संपत्ति जाएगी आईटीईएफ के पास

टाटा संस के शेयरों के अलावा, टाटा मोटर्स सहित अन्य टाटा समूह की कंपनियों में रतन टाटा की हिस्सेदारी भी आईटीईएफ में स्थानांतरित कर दी जाएगी। 2022 में स्थापित, आरटीईएफ, नॉन प्रॉफिटेबल संस्था है।

रतन टाटा के पास 20-30 कारों का कलेक्शन था, जिसे वर्तमान में हेलेकाई निवास और कोलाबा में ताज वेल लिंग्टन म्यूज सर्विस अपार्टमेंट में रखा गया है। इस कार कलेक्शन के भविष्य पर विचार चल रहा है, जिसमें पुणे संग्रहालय में प्रदर्शन के लिए रखना या टाटा समूह द्वारा अधिग्रहण या नीलामी शामिल है।

रतन टाटा की वसीयत में उनके कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू का भी नाम है। रतन टाटा ने नायडू के सहयोगी वेंचर, गुडफेलोज में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी, और उन्होंने विदेशी शिक्षा के लिए नायडू द्वारा लिए गए व्यक्तिगत ऋण को माफ कर दिया।

सुदेश चंद्र शर्मा

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