राजस्थान के पशुपालकों की अनेक समस्याओं का समाधान करने के लिए अजमेर दुग्ध डेयरी के अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी ने राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े का आभार जताया है। 18 अक्टूबर को अजमेर आगमन पर चौधरी ने राज्यपाल बागड़े से मुलाकात की। चौधरी ने बागड़े को बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध संबल योजना के अंतर्गत पशु पालकों को प्रति लीटर पांच रुपए का अनुदान मिलता है। पिछले आठ माह से यह अनुदान राशि नहीं मिल रही थी। लेकिन आपके हस्तक्षेप के बाद राज्य सरकार ने चार माह का अनुदान जारी कर दिया है।
चौधरी ने राज्यपाल से आग्रह किया कि शेष चार माह का अनुदान भी पशु पालकों को जल्द दिलवाया जाए। मालूम हो कि जो पशु पालक अपने दूध को डेयरी के संग्रहण केंद्रों पर जमा करवाते हैं उन्हें ही अनुदान की राशि मिलती है। चौधरी ने राज्यपाल से आग्रह किया कि मिड डे मील योजना के अंतर्गत पाउडर पैकिंग की राशि का तीस प्रतिशत पूर्व की तरह अग्रिम उपलब्ध करवाया जाए। चौधरी ने बताया कि भाजपा सरकार बनने के बाद मिड डे मील में मोटे अनाज की सामग्री को वितरित करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन राज्यपाल बागड़े के दखल के बाद मिड डे मील में उन्हें दूध पाउडर को शामिल कर लिया गया है। चूंकि पाउडर के लिए पैकिंग करनी होती हे, इससे सहकारी के क्षेत्र में चलने वाली डेयरियों पर आर्थिक बोझ पड़ता है। चौधरी ने राज्यपाल से आग्रह किया कि गोपालक क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने में आ रही बाधाओं को भी हटाया जाए ताकि पशुपालकों को एक लाख रुपए का लोन मिल सके। राज्यपाल बागड़े ने चौधरी को भरोसा दिलाया कि उनके द्वारा रखी गई मांगों पर सरकार से जवाब तलब किया जाएगा।
चौधरी ने बताया कि राज्यपाल बागड़े महाराष्ट्र में सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली डेयरियों से जुड़े रहे हैं, इसलिए उन्हें राजस्थान के पशुपालकों और डेयरी की समस्या की जानकारी है। यही वजह है कि राज्यपाल प्रदेश के पशुपालकों के प्रति हमदर्दी रखते हैं। राज्यपाल से हुए संवाद की और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9414004111 पर डेयरी अध्यक्ष रामचंद्र चौधरी से ली जा सकती है।
एस पी मित्तल
वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल
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