भारत में युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। खराब जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर खानपान और जेनेटिक कारण इसके प्रमुख कारक हैं। जल्द पहचान और सही इलाज से इसे रोका जा सकता है।
भारत में युवा महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार, देश में 28.2% महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित हैं। 2023 में किए गए एक अध्ययन में स्तन कैंसर से पीड़ित 12,808 रोगियों में से 17.09% रोगी 40 वर्ष से कम उम्र के थे। अध्ययन में यह भी बताया गया है कि 30% ट्यूमर ट्रिपल-नेगेटिव ट्यूमर हैं, जो तेजी से फैलने वाले ट्यूमर होते हैं।
कैंसर अब बुजुर्गों की बीमारी नहीं रही। यह युवा महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा है। स्तन कैंसर के शुरूआती कारणों में जीन्स, जीवनशैली, खराब पोषण, प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन, पर्यावरण प्रदूषण और निष्क्रिय जीवनशैली शामिल हैं… – भारत में कैंसर मुक्त भारत अभियान का नेतृत्व करने वाले यूनिक हॉस्पिटल कैंसर सेंटर के मेडिकल आन्कोलॉजी प्रमुख डॉ. आशीष गुप्ता ने कहा।
BRCA1, BRCA2 जीन म्यूटेशन, मोटापा, अत्यधिक चीनी का सेवन, प्रोसेस्ड फूड का सेवन और लगातार उच्च रक्त शर्करा स्तर भी जोखिम कारकों में शामिल हैं। डॉ. आशीष गुप्ता ने कहा कि अगर बीमारी का जल्द पता चल जाए और उसका सही इलाज किया जाए तो स्तन कैंसर को रोका जा सकता है।
स्तन कैंसर के लक्षण
1. बगल या स्तन में लगातार दर्द होना।
2. स्तनों का लाल होना या सूजन आना।
3. निप्पल में बदलाव आना।
4. निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज होना।
5. निप्पल से खून आना।