अब कांग्रेस के लिए कठिन हो गए राजस्थान के 7 उपचुनाव

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सहयोगी आरएलपी और बीएपी भी नाराज
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विदेश में रहते हुए भाजपा के 6 उम्मीदवारों की घोषणा

शुरूआत दौर में माना जा रहा था कि राजस्थान के 7 विधानसभा उपचुनाव में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस की स्थिति मजबूत है। सिर्फ सलूंबर को छोड़कर शेष 6 सीटों पर गत बार कांग्रेस और सहयोगी दलों की जीत हुई थी, लेकिन उपचुनाव में सहयोगी दल आरएलपी और बीएपी ने जो नाराजगी दिखाई उसकी वजह से उपचुनाव अब कांग्रेस के लिए कठिन हो गए हैं। बीएपी ने चौरासी सीट से अनिल कटारा और सलूंबर से जितेश कटारा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।

इस घोषणा से पहले बीएपी ने कांग्रेस से कोई बात नहीं की। इसी प्रकार हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व वाली आरएलपी ने नागौर की खींवसर के साथ साथ टोंक की देवली उनियारा की सीट पर दावा जता दिया है। बेनीवाल ने कहा है कि यदि कांग्रेस ने इन दोनों सीटों पर समर्थन नहीं दिया तो वह झुंझुनूं और रामगढ़ (अलवर) की सीट पर अपने उम्मीदवार खड़े कर देंगे। एक ओर सहयोगी दलों ने 7 में से 4 पर अपना फैसला सुना दिया है, वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक भी गठबंधन की कोई बात नहीं हुई है।

इस बीच खींवसर के कांग्रेसियों ने आलाकमान को चेताया है कि हनुमान बेनीवाल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाए। यदि खींवसर में समझौता होता है तो फिर कांग्रेस के लिए अन्य सीटों पर चुनौती खड़ी हो जाएगी। यहां उल्लेखनीय है कि उपचुनावों के लिए 18 अक्टूबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है। वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विदेश रहते हुए 19 अक्टूबर को भाजपा ने सात में से 6 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

इस घोषणा के मुताबिक दौसा सीट से मंत्री किरोड़ी मीणा के भाई जगमोहन मीणा को उम्मीदवार बनाया गया है। इस सीट पर किरोड़ी मीणा का खास प्रभाव है। अब भाई को उम्मीदवार बनाए जाने से किरोड़ी की प्रतिष्ठा दांव पर है। देवली-उनियारा से राजेंद्र गुर्जर को उम्मीदवार बनाया गया है। राजेंद्र गुर्जर 2013 में यहां से विधायक रह चुके हैं। सीट पर भाजपा ने खुशवंत सिंह को उम्मीदवार बनाया है। खुशवंत सिंह ने 2023 में भाजपा के बागी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर 74 हजार वोट प्राप्त किए थे। ऐसे में सिंह की उम्मीदवारी से भाजपा की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। खींवसर से रेवंत राम डांगा को उम्मीदवार बनाया गया है, पिछले चुनाव में डांगा हनुमान बेनीवाल से मात्र 2059 वोट से हारे थे।

बेनीवाल को इस बार कांग्रेस के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है तथा बेनीवाल अपने रिश्तेदार को उम्मीदवार बना रहे हैं। हनुमान बेनीवाल नागौर के सांसद हैं। झुंझुनूं से भी भाजपा ने राजेंद्र भांबू को उम्मीदवार बनाया है। भांबू ने भी 2023 में भाजपा का बागी होकर चुनाव लड़ा और 42 हजार वोट प्राप्त किए। यदि भांबू और भाजपा के वोटों को मिला दिया जाए तो उपचुनाव में भाजपा की जीत आसान नजर आ रही है। सलूंबर से भाजपा ने अपने दिवंगत विधायक अमृत लाल मीणा की पत्नी शांति देवी को उम्मीदवार बनाया है। शांति देवी को सहानुभूति के वोट मिले।

एस पी मित्तल

वर्ष 2016 में मेरी उम्र 54 वर्ष है और मैं करीब 40 वर्षों से पत्रकारिता कर रहा हूँ | पत्रकारिता की घुट्टी जन्मजात है। मेरे पिता स्व.कृष्ण गोपाल जी गुप्ता जो भभक पाक्षिक पत्र निकालते रहे। उससे मैंने पत्रकारिता का सबक सीखा। मेरी पत्रकारिता की यात्रा में दैनिक राष्ट्रदूत, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति, दैनिक पंजाब केसरी आदि अखबारों का सहयोग तो रहा ही है, लेकिन वर्ष 2000 में जब मैंने सम्पूर्ण उत्तर भारत में पहली बार केबल नेटवर्क पर न्यूज चैनल शुरू किया तो मुझे सीखने का जोरदार अवसर मिला। जिलेभर के केबल ऑपरेटरों की मदद से जब एक घंटे की न्यूज का प्रसारण हुआ तो अजमेर सहित राजस्थान भर में तहलका मच गया। हालांकि साधनों के अभाव और बड़े मीडिया घरानों के केबल में कूद पडऩे से मुझे अपना अजमेर अब तक नामक चैनल बंद करना पड़ा। 17 नवम्बर 2005 को जब मैंने देश के राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से अजमेर के सर्किट हाऊस में व्यक्तिगत मुलाकात की तो मुझे एक सुखद अनुभूति हुई। यूं तो मेरे लिखे की गूंज राजस्थान विधानसभा से लेकर लोकसभा तक में हुई है, लेकिन मेरी पत्रकारिता की सबसे बड़ी सफलता यही है कि मैं आज भी नियमित लिख रहा हूँ | यदि किसी पाठक के पास कोई सुझाव हो तो अवश्य दें | आपका एस.पी.मित्तल

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