आदि कैलाश यात्रा – 4

0
(0)

काली माता के चरणों को स्पर्श करते हुए आरंभ होती है काली नदी। जो गंगा बनती है
हिमालय के पहाड़ों के बीच बना है बिनसर ईको कैंप एंड कोटेज

16 से 25 सितंबर तक हुई मेरी आदि कैलाश यात्रा के वृतांत का यह चौथा भाग है। मेरा ऐसा मानना है कि यह चौथा यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण है। जिस गंगा नदी का महत्व सनातन संस्कृति में माना गया है, वह नदी भी हिमालय पर्व पर बने काली माता मंदिर से निकलती है। कहा जा सकता है कि गंगा का उद्गम काली माता के चरणों से स्पर्श कर हो रहा है। काली माता का यह मंदिर 12 हजार फीट की ऊंचाई पर ओम पर्वत के निकट बना हुआ है। वेद पुराणों के अनुसार ऋषि वेदव्यास ने इन्हीं पहाडियों पर मानव जीवन के कल्याण के लिए तपस्या की।

तपस्या के दौरान ही महाकाली ने दर्शन दिए और एक मंदिर बनवाने के लिए कहा। महाकाली की इच्छा के अनुरूप ही गुंजी से 9 किलोमीटर दूर काला पानी स्थित स्थान पर काली मंदिर का निर्माण किया गया। जो श्रद्धालु कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन करते हैं वे मंदिर में काली माता के दर्शन कर पुण्य की प्राप्ति भी करते हैं। हमारे समूह का भी यह सौभाग्य रहा कि हमे काली माता के दर्शन करने का अवसर मिला। 21 सितंबर को हमने वो स्थान देखा जहां से काली नदी का आरंभ हो रहा था। पानी कहां से आ रहा है यह काली माता ही जानती है।

काली माता के मंदिर से निकलने वाली पानी को ही काली नदी का नाम दिया गया है। जो आगे चलकर विकराल रूप लेती है। यही काली नदी गंगा नदी भी बनती है। काली नदी के उदगम स्थान को साक्षात देखने से एक नई ऊर्जा की प्राप्ति हुई। हम सभी ने काली माता के सामने बैठकर प्रार्थना भी की। काली माता मंदिर के परिसर में ही भारतीय सेना का कैंप भी है। हमारे जवानों का मानना रहा कि काली माता हर मौसम में हमें आशीर्वाद देती है।

यही वजह है कि जब इस क्षेत्र में बर्फ बारी होती है तो हमारे जवान चीन के सामने सीना तानकर खड़े रहते हैं। सामरिक दृष्टि से भी काली माता का मंदिर बहुत महत्वपूर्ण है। इस मंदिर को हरियाली और खुशहाली का प्रतीक भी माना जाता है। मंदिर के सामने की ऊंची पहाड़ी पर वो गुफा भी नजर आती है, जिसमें बैठकर ऋषि वेदव्यास ने तपस्या की थी। देवी-देवताओं और ऋषि मुनियों की तपस्या के कारण ही हिमालय और उत्तराखंड की भूमि को देवभूमि कहा गया है।

बिनसर इको कैंप

नैनीताल आने से पहले 22 सितंबर की रात को हमें हिमालय पहाड़ों के बीच बने बिनसर ईको कैंप एंड कॉटेज में रहने का अवसर मिला। हमारी यात्रा का प्रबंधन करने वाली टूर कंपनी ने इस स्थान का विशेष रूप से चयन किया था। यहां हमें हिमालय पर्वत जैसी परिस्थितियों की अनुभूति हुई। ऐसा प्रतीत हुआ कि प्रकृति का सारा सौंदर्य इसी स्थान पर है। पहाड़ को काटकर कोटेज का निर्माण किया गया। हमें बताया गया कि इस स्थान पर देशी विदेशी लेखक और वैज्ञानिक कई महीनों तक रहते हैं। शांत वातावरण में उन्हें सोचने समझने और लिखने की प्रेरणा मिलती है।

राजस्थान के राजपूत घरानों से जुड़ाव वाले केसर सिंह जी ने ही इस रिसोर्ट को बनवाया है। केसर सिंह वाइल्ड लाइफ सोसायटी के संस्थापक सदस्य है और हिमालय क्षेत्र में वन्यजीवों के शिकार पर रोक लगाने में इस सोसायटी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। रिसोर्ट का प्रबंधन संभाल रहे केसरी सिंह के पुत्र रवि सिंह ने बताया कि रिसोर्ट परिसर में प्रकृति के सौंदर्य को बनाए रखने की हर संभव कोशिश की जाती है। चूंकि यहां का प्राकृतिक वातावरण पेड़ पौधों के लिए अनुकूल है इसलिए फूल के साइज भी बड़े होते हैं। बड़े बड़े फूल माहौल को और खुशनुमा बनाते हैं।

रिसोर्ट के हर कमरों में थ्री स्टार होटल वाली सुविधाएं उपलब्ध है। चूंकि यह ईको रिसोर्ट पहाड़ी पर बना हुआ है, इसलिए पगडंडी नुमा मार्ग से होकर पहुंचना पड़ता है। यह रिसोर्ट नैनीताल से 96 काठ गोदाम से 115 और दिल्ली से 385 किलोमीटर दूर है।

ट्रेवल एन एक्सप्लोर की सेवाएं:
हमारे समय की आदि कैलाश यात्रा का प्रबंध ट्रेवल एन एक्सप्लोर (यूनिट आॅफ ) के माध्यम से किया गया। इस कंपनी के प्रतिनिधि देवेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी यात्रा के प्रबंध करती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए दस प्रतिशत का डिस्काउंट दिया जाता है। यात्रा का प्रोग्राम बनाते समय यात्री सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। कंपनी की गतिविधियों और टूर प्रोग्रामों के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9828038888 व 9001626940 पर ली जा सकती है। इसके साथ ही वेबसाइट www.travelnexplore.in पर भी जानकारियां उपलब्ध हैं। मेरे साथ इस यात्रा में अजमेर के इत्र कारोबारी देवेश्वर प्रसाद गुप्ता (9414008220), रेडीमेड और कपड़ा कारोबारी रमेश चंदीराम (9414008533) तथा महाकाल मटका कुल्फी के निमार्ता राजेश मालवीय (9799875519) भी थे। यात्रा के बारे में इन से भी जानकारी ली जा सकती है।

क्या आप इस पोस्ट को रेटिंग दे सकते हैं?

इसे रेट करने के लिए किसी स्टार पर क्लिक करें!

औसत श्रेणी 0 / 5. वोटों की संख्या: 0

अब तक कोई वोट नहीं! इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

Leave a Comment