शेयर बाजार में डूबने से बाप बेटे की जिन्दगी खत्म

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तीन गलतियां पड़ी भारी

शेयर बाजार में हुए नुकसान के चलते एक बाप-बेटे ने आत्महत्या कर ली। कर्ज में डूबे होने के कारण उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया। अपनी ही गलती और शॉर्टकट तरीके से पैसा कमाने की जिद ने जिंदगी बर्बाद कर दी।

शेयर बाजार में हर कोई पैसा कमाने के मकसद से आता है। बहुत से लोग इसमें सफल भी रहते हैं। नुकसान उन लोगों को ज्यादा उठाना पड़ता है, जो शॉर्टकट से पैसा कमाकर रातों-रात अमीर बनना चाहते हैं। ऐसी हजारों कहानियां हैं, जब लोग बाजार में सबकुछ दांव पर लगाकर अपनी ही गलती से कंगाल हो गए। ऐसा ही एक मामला कुछ समय पहले मुंबई में आया, जहां भायंदर स्टेशन पर रेलवे पुलिस की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पुलिस ने बताया कि शेयर मार्केट में नुकसान की वजह से बाप-बेटे काफी ज्यादा कर्ज में डूब गए थे। इससे तंग आकर दोनों ने सुसाइड कर लिया। उनकी 3 गलतियों ने उन्हें मार्केट में पूरी तरह डूबा दिया।

कर्ज लेकर शेयर बाजार में आना पड़ा भारी

मुंबई के नालासोपारा में रहने वाले हरीश मेहता और उनके बेटे जय मेहता को शेयर बाजार में इतना बड़ा नुकसान हुआ कि उन्हें जान देनी पड़ गई। जानकारी के मुताबिक, हरीश शेयर बाजार में ही काम करता था, जबकि जय डीटीपी आॅपरेटर था। दोनों ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में मार्केट में उधार लेकर ट्रेडिंग शुरू कर दी, लेकिन रिस्क मैनेजमेंट न कर पाने की वजह से बर्बाद हो गए। स्टॉक मार्केट में तबाह होकर आत्महत्या करने का यह मामला पहला नहीं है, इससे पहले भी कई ऐसे केस सामने आ चुके हैं। हर्षद मेहता के जमाने से लेकर अब तक बड़ी संख्या में लोग ऐसे कदम उठा चुके हैं। हालांकि, इन सभी में एक चीज कॉमन थी कि उन्होंने बड़ा कर्ज लेकर पैसा बाजार में लगाया था।

शेयर बाजार में 3 गलतियां बबार्दी का कारण

1. उधार लेकर ट्रेडिंग करना

शेयर बाजार में हरीश मेहता और जय मेहता की तरह कई लोग अपनी पूरी कमाई दांव पर लगा देते हैं। जब नुकसान होने लगता है तो उसकी भरपाई करने के लिए लोन, कर्ज या रिश्तेदारों से उधार ले लेते हैं। मार्केट की भाषा में इसे ‘रिवेंज ट्रेडिंग’ कहा जाता है। मतलब एक नुकसान को बचाने के लिए बार-बार पैसा लगाकर नुकसान उठाना। इसका शिकार कई निवेशक होते हैं।

2. जीरो नॉलेज, शॉर्टकट तरीका

किसी भी काम में सफल होने के लिए उसकी नॉलेज बेहद जरूरी है। शेयर बाजार का भी यही हाल है, जितनी ज्यादा जानकारी और एक्सपीरिएंस होगा, रिस्क उतना ही कम होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाले 90% लोग दूसरों की सलाह पर पैसा लगाते हैं, जो गलत है। मार्केट एक तरह का रिस्क है, इसलिए इसकी समझ और खुद का रिसर्च बहुत जरूरी है। हाल के कुछ सालों में ज्यादातर रिटेल इन्वेस्टर टीवी, यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिलने वाले टिप्स से शेयरों में पैसा लगा रहे हैं, जिससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है। हरीश और जय मेहता के मामले में यही कहानी सामने आई।

3. रिस्क मैनेजमेंट न कर पाना

शेयर मार्केट में रिस्क हमेशा बना रहता है, इसलिए इसका मैनेजमेंट भी बेहद जरूरी है। हालांकि, छोटे यानी रिटेल निवेशक यहीं चूक कर जाते हैं। वे कभी रिस्क मैनेजमेंट की सोचते ही नहीं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शेयर बाजार में हमेशा नुकसान की सीमा तय होनी चाहिए। किसी शेयर में दांव लगाने के बाद अगर वह प्रॉफिट दे रहा है तो उसे बुक कर लेना चाहिए, क्योंकि कभी अगर किसी परिस्थिति में वो टूटा तो कम से कम आपका पैसा सेफ रहेगा। इस नियम को लेकर न चलने वाले अक्सर ही अपना नुकसान करवा बैठते हैं, जैसा कि मुंबई के बाप-बेटे के साथ हुआ।

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