आदि कैलाश यात्रा

0
(0)

पीएम मोदी ने भगवान शिव को भक्तों के निकट ला दिया
भोले की ऐसी कृपा हर सनातनी पर हो
भाई इंदु शेखर पंचोली का भी आभार

मैं अपने चार साथियों के साथ 16 से 25 सितंबर तक आदि कैलाश यात्रा पर रहा। इस दस दिवसीय यात्रा में मुझे भगवान शिव के कई चमत्कार देखने को मिले। यात्रा का सिलसिले वृत्तांत मैं अपने पाठकों के लिए प्रस्तुत कर रहा हंू। आज दिनांक 26 सितंबर को मैं अपना वृत्तांत आदि कैलाश मार्ग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए प्रयासों पर लिख रहा हंू। सब जानते हैं कि पूर्व में कैलाश मानसरोवर की यात्रा चीन की अनुमति से होती थी।

भले ही संपूर्ण भारत चमत्कारिक हिमालय की पहाड़ी को भगवान शिव का स्वरूप माना हो, लेकिन चीन ने हमारे शिव को कैद कर रखा हुआ था। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने न केवल शिव को चीन की कैद से आजाद करवाया। बल्कि कैलाश के रूप में विराजे भगवान शिव को भक्तों के निकट ला दिया। इसकी शुरूआत पीएम मोदी ने 2022 में आदि कैलाश पर्वत पर जाकर की। मोदी ने मंदिर परिसर में पूजा अर्चना की। हालांकि मोदी ने सेना के हेलीकॉप्टर से आदि कैलाश की यात्रा की, लेकिन इसके साथ ही आम भक्तों के लिए उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से आदि कैलाश वाले गांव ज्योलिंगकांग तक आॅल वेदर रोड बनाने का काम शुरू किया।

इस रोड के निर्माण से अब पिथौरागढ़ से आदि कैलाश तक चौपहिया वाहन से यात्रा की जा सकती है। जिस गांव में पहाड़ पर भगवान शिव का स्वरूप देखने को मिलता है, उसका नाम ज्योलिंगकांग है। बुजुर्ग श्रद्धालु तीन हजार रुपए का किराया देकर खच्चर से चार किलोमीटर की यात्रा कर सकते है। युवा वर्ग पैदल भी यात्रा कर सकता है। मैं पर्वत पर भगवान शिव के दर्शन का वृत्तांत तो आगे की किस्तों में लिखूंगा, लेकिन अभी इतना बताना चाहता हूं कि भगवान शिव में आस्था रखने वाले श्रद्धालु बहुत आसानी से यात्रा कर सकते हें।

यह सही है कि पहाड़ दरकने के कारण कई बार सड़क मार्ग अवरुद्ध हो जाता है। लेकिन नेशनल हाइवे के इंजीनियरों की देखरेख में मार्ग को जल्द से जल्द सुधार किया जाता है। इस पहाड़ी मार्ग पर जगह जगह क्रेन, जेसीबी मशीन आदि उपकरण तैयार खड़े हैं। आॅल वेदर रोड के निर्माण से उत्तराखंड के कुमाऊ क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हुए है। पिथौरागढ़ के धारचूला उपखंड से लेकर ज्योलिंगकांग तक एक दर्जन गांव बसे हुए हैं। चूंकि शिवभक्त भगवान के दर्शन करने के लिए इसी मार्ग से गुजर रहे है, इसलिए ग्रामीणों ने अपने झोपड़ीनुमा घरों को होम स्टे का स्वरूप दे दिया है।

श्रद्धालु इन्हीं होमस्टे में रात्रि विश्राम करते हैं। घर परिवार के सदस्य ही श्रद्धालुओं को भोजन भी कराते हैं। कह सकते हैं कि गांव वाले होटल मालिक की भूमिका में है। चौपहिया वाहनों के कारोबार से लेकर होटल तक से जुड़े हजारों पहाड़ी लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ है। यानी भगवान शिव तो भक्तों के निकट आए ही साथ ही पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी मिला। मैं यहां बताना चाहता हंू कि हमारा समूह 16 सितंबर को रानीखेत ट्रेन से अजमेर रेलवे स्टेशन से रवाना हुआ और 17 सितंबर को सुबह पांच बजे उत्तराखंड के काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। तय कार्यक्रम के मुताबिक काठगोदाम से टेम्पो ट्रैवलर (मिनी बस) के जरिए हम 17 सितंबर की शाम को पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय पर पहुंचे।

हर सनातनी पर हो कृपा

17 सितंबर की शाम को पिथौरागढ़ पहुंचने पर पता चला कि आॅल वेदर रोड बंद पड़ा है। कई जगह पहाड़ का मलबा है। ऐसे में यातायात बंद है। पिथौरागढ़ में हमे सलाह दी गई कि हम आदि कैलाश जाने का इरादा त्याग दें। धारचूला के उपखंड अधिकारी भी यात्रा का परमिट जारी नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम अपने इरादे पर अडिग रहे और तय कार्यक्रम के मुताबिक 18 सितंबर को सुबह पिथौरागढ़ से धारचूला के लिए रवाना हो गए। हमने देखा कि सैकड़ों श्रद्धालु 13 सितंबर से धारचूला में ही रुके हुए हैं। रास्ता बंद होने के कारण कई श्रद्धालु तो धारचूला से ही वापस लौट गए।

18 सितंबर की रात को जानकारी मिली कि अगले दिन उपखंड कार्यालय से परमिट जारी हो सकते हैं, 19 सितंबर को परमिट लेने के लिए उपखंड दफ्तर पर हंगामा हो गया। कार्यवाहक एसडीएम को अपना दफ्तर छोड़कर राज्य सरकार के गेस्ट हाउस में जाना पड़ा। जब परमिट लेने के लिए हंगामा हो रहा था, तभी मैंने अमर उजाला अखबार के नेशनल हेड और मित्र इंदु शेखर पंचोली से संपर्क किया। मेरे और अजमेर के साथियों के उत्तराखंड में आने पर भाई पंचोली ने खुशी जताई और कहा कि आप लोगों को आज ही परमिट मिल जाएंगे।

धारचूला के अमर उजाला के संवाददाता और पिथौरागढ़ के संपादकों के माध्यम से सूचना मिली कि कुमाऊं क्षेत्र के संभागीय आयुक्त के दखल के बाद धारचूला में परमिट बनाने के कार्य में बदलाव किया गया। पूरे कुमाऊं क्षेत्र के प्रशासन में खलबली मची उसी का परिणाम रहा कि हमें भी दोपहर तीन बजे तक परमिट प्राप्त हो गया। हमारा समूह दोपहर तीन बजे धारचूला से रवाना होकर रात को नाभि गांव पहुंचा। भाई पंचोली ने परमिट दिलवाने में जो सहयोग किया उसके लिए मैं हृदय से आभारी हंू। मुझे इस बात का भी गर्व है कि अजमेर के पत्रकार भाई पंचोली ने देश के प्रमुख अखबार अमर उजाला में सम्मानीय पद प्राप्त कर रखा है।

ट्रेवल एन एक्सप्लोर की सेवाएं

हमारे समय की आदि कैलाश यात्रा का प्रबंध ट्रेवल एन एक्सप्लोर (यूनिट आफ जेट्स दुनिया ट्रेवल ) के माध्यम से किया गया। इस कंपनी के प्रतिनिधि देवेंद्र सिंह ने बताया कि उनकी कंपनी भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी यात्रा के प्रबंध करती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए दस प्रतिशत का डिस्काउंट दिया जाता है। यात्रा का प्रोग्राम बनाते समय यात्री सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है। कंपनी की गतिविधियों और टूर प्रोग्रामों के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नंबर 9828038888 व 9001626940 पर ली जा सकती है। इसके साथ ही वेबसाइट … पर भी जानकारियां उपलब्ध हैं।

मेरे साथ इस यात्रा में अजमेर के इत्र कारोबारी देवेश्वर प्रसाद गुप्ता (9414008220), रेडीमेड और कपड़ा कारोबारी रमेश चंदीराम (9414008533) तथा महाकाल मटका कुल्फी के निमार्ता राजेश मालवीय (9799875519) भी थे। यात्रा के बारे में इन से भी जानकारी ली जा सकती है।

क्या आप इस पोस्ट को रेटिंग दे सकते हैं?

इसे रेट करने के लिए किसी स्टार पर क्लिक करें!

औसत श्रेणी 0 / 5. वोटों की संख्या: 0

अब तक कोई वोट नहीं! इस पोस्ट को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

Leave a Comment