संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री शेखावत के शामिल होने के सबूत एसओजी के पास नहीं। हाईकोर्ट ने क्लीन चिट दी

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आखिर कौन सी एसओजी सच बोल रही है। क्या अशोक गहलोत वाली एसओजी पर कार्यवाही होगी
अशोक गहलोत ने ही पायलट कैंप के विधायकों के फोन टैप करवाए-लोकेश शर्मा
तो क्या मानहानि और फोन टैपिंग के केस में अशोक गहलोत जेल जाएंगे?

जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट ने 25 सितंबर को बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव घोटाले में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को बरी कर दिया है। कोर्ट ने शेखावत को दोषमुक्त करने का फैसला राजस्थान की जांच एजेंसी एसओजी की रिपोर्ट के आधार पर दिया। एसओजी ने रिपोर्ट में कहा कि 960 करोड़ रुपए के इस घोटाले में शेखावत के विरुद्ध कोई सबूत नहीं है। एसओजी ने हाईकोर्ट में जो रिपोर्ट दी उसके बाद से सवाल उठता है कि आखिर कौन सी एसओजी सच बोल रही है?

सब जानते हैं कि अशोक गहलोत जब मुख्यमंत्री थे, तब इसी एसओजी के अधिकारियों ने मीडिया में कहा था कि संजीवनी घोटाले में शेखावत भी शामिल है। इतना ही नहीं खुद सीएम गहलोत ने भी कहा था कि एसओजी के पास शेखावत के खिलाफ पर्याप्त सबूत है। गहलोत ने जो जयपुर स्थित सीएम हाउस में संजीवनी के पीड़ित निवेशकों का दरबार लगाया। गहलोत की उपस्थिति में निवेशकों ने कहा कि हमारे पैसे लूटने में शेखावत और उनका परिवार भी शामिल है। देश के इतिहास में यह पहला अवसर रहा, जब क्रेडिट सोसायटी के पीड़ितों का दरबार सीएम हाउस में लगा।

असल में गहलोत ने जब पहली बार शेखावत पर आरोप लगाए तो शेखावत ने दिल्ली की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया। शेखावत का कहना रहा कि संजीवनी घोटाले में तब तक जिनी भी एफआईआर दर्ज हुई है उनमें किसी में भी मेरा नाम नहीं है। चूंकि गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज हो चुका था, इसलिए सीएम हाउस में पीड़ित निवेशकों का दरबार लगाया गया। इसके बाद ही एसओजी के अधिकारियों ने भी शेखावत के आरोपी होने की बात कही। अब जब मौजूदा एसओजी ने सबूत न होने की बात लिख दी है, तब सवाल उठता है कि क्या अशोक गहलोत वाली एसओजी के अधिकारियों पर कार्यवाही होगी? तब शेखावत ने भी आरोप लगाया था कि अशोक गहलोत एसओजी के माध्यम से उनका चरित्र हनन कर रहे हैं।

गहलोत ने करवाई फोन टैपिंग

25 सितंबर को ही दिल्ली में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के समक्ष पूर्व सीएम गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने भी बयान दर्ज करावाएं हैं। लोकेश का कहना रहा कि कांग्रेस के शासन में सीएम गहलोत ने ही अपने प्रतिद्वंदी सचिन पायलट के समर्थक विधायकों के फोन टैप करवाए। गहलोत ने ही एक पेन ड्राइव में विधायकों के फोन की रिकॉर्डिंग दी। इस रिकॉर्डिंग को उन्होंने मीडिया को जारी किया। लोकेश शर्मा ने दिल्ली पुलिस से आग्रह किया है कि अशोक गहलोत को बुलाकर फोन टैपिंग के बारे में पूछताछ की जाए।

तो क्या गहलोत जेल जाएंगे

25 सितंबर को हाईकोर्ट के फैसले और लोकेश शर्मा के बयान के बाद सवाल उठता है कि क्या पूर्व सीएम गहलोत जेल जाएंगे? केंद्रीय मंत्री शेखावत ने दिल्ली में मानहानि का जो मुकदमा दायर कर रखा है, उसमें अब गहलोत की मुसीबत और बढ़ जाएंगी। एसओजी ने अब शेखावत के विरुद्ध सबूत न होने की रिपोर्ट दे दी है, तब यह तय हो गया है कि गहलोत ने शेखावत के विरुद्ध झूठी बयानबाजी की। मानहानि करने के मामले में कई लोगों को जेल जाना पड़ा है। लोकेश शर्मा के बयान के बाद दिल्ली पुलिस अब अशोक गहलोत को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है। ऐसे कई उदाहरण है, जब पूछताछ के बाद संबंधित आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है।

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