जयपुर की एक अदालत ने शादी के बाद भी किसी अन्य युवक से संबंध रखने वाली पत्नी को उसके पति से भरण-पोषण दिलाने की याचिका खारिज कर दी। जज ने कहा कि विवाह के बाद दूसरे पुरुष के साथ अवैध संबंध होना, स्थायी भरण पोषण का आधार नहीं बनता।
जयपुर की फैमिली कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में पति से भरण पोषण के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। यह मामला एक पत्नी द्वारा अपने पति से भरण पोषण की राशि की मांग को लेकर था, जिसने शादी के बाद भी किसी अन्य युवक से प्रेम संबंध बनाए रखा था। जज वीरेंद्र कुमार जसूजा ने इस मामले में निर्णय सुनाते हुए कहा कि पत्नी का विवाह के बाद दूसरे पुरुष के साथ अवैध संबंध होना, स्थायी भरण पोषण का आधार नहीं बनता।
पत्नी को चाहिए था 40 लाख रुपए और 30 तोला सोना
महिला ने कोर्ट में 40 लाख रुपए और 30 तोला सोने की मांग की थी। उसका कहना था कि उसका पति दूरसंचार विभाग में कार्यरत है और उसे स्थायी भरण पोषण दिया जाए। हालांकि, पति ने अदालत में यह साबित किया कि शादी के पहले से ही पत्नी का पड़ोस के युवक के साथ प्रेम संबंध था और शादी के बाद भी यह संबंध जारी रहा। इस आधार पर कोर्ट ने पति को मानसिक क्रूरता का शिकार मानते हुए 2019 में तलाक का आदेश दिया था।
कोर्ट को पति ने सुनाई थी अपनी दर्दभरी दांस्ता
पति ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया कि वह एक क्लर्क है और उसकी जिम्मेदारियों में दिवंगत पत्नी का बेटा और बीमार मां शामिल हैं। ऐसे में वह स्थायी भरण पोषण देने में असमर्थ है। कोर्ट ने पति की दलीलों को ध्यान में रखते हुए महिला की अपील को खारिज कर दिया। इस फैसले ने कानूनी दृष्टिकोण से विवाह के बाद के रिश्तों की गंभीरता को एक बार फिर से उजागर किया है।