अजमेर पुलिस की नई मुखिया वंदिता राणा आखिर हैं कौन?

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अजमेर पुलिस की नई मुखिया वंदिता राणा
अजमेर पुलिस की नई मुखिया वंदिता राणा

अजमेर की नई पुलिस कप्तान होकर आई है वंदिता राणा। उनके आने से पूर्व उनकी शौहरत ने अजमेर में कार्यभार संभाल लिया है। वंदिता कुशाग्र बुद्धि की संवेदनशील महिला अधिकारी हैं और वह अब तक जहां भी तैनात रहीं उन्होंने जनता के बीच अपनी अमिट छाप छोड़ी। अजमेर आने पर उनसे जिÞले को बड़ी उम्मीद है।

वंदिता राजस्थान की रहने वाली नहीं। वह उत्तर प्रदेश गाजियाबाद की रहने वाली हैं। हां वही गाजियाबाद! जो अपराधों की राजधानी और अपराधियों की कुख्यात स्थली के रूप में मशहूर है। उनका जन्म 12 अगस्त 1987 को हुआ। राजस्थान कैडर में वह 2017 बैच की आईपीएस हैं। उन्होंने 2019 में सबसे पहले पुलिस कप्तान का पदभार संभाला दौसा में। जब वह पुलिस मुखिया बनी तो उन्होंने मादक पदार्थों के खिलाफ विशेष अभियान छेड़ कर दर्जनों तस्करों को गिरफ्तार किया। यही नहीं उन्होंने युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति के खिलाफ सामाजिक मुहिम भी छेड़ी और इस अभियान में उन्होंने पूरे राज्य में ख्याति प्राप्त की।

इनकी कार्यशेली के विभागीय मातहत और जनता कितने दिवाने है इसका अंदाजा आप इससे ही लगा सकते हैं कि जब ये दौसा पुलिस कप्तान के अपने अल्प कार्यकाल से स्थानांत्रित हुईं थी तो पुलिस विभाग और स्थानीय जनता द्वारा इन्हें सम्मान स्वरुप बैंड बाजे ढ़ोल घमाके के साथ जुलुस के रूप में घोड़ी पर बैठाकर विदा किया गया था। अमूमन पुलिस विभाग में तो ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। क्यूंकि पुलिस हमेशा जनता और नेताओं के नेजे पर ही रहती है कोई उसकी कार्यशाली का कायल हों ये यदा कदा ही देखने सुनने को मिलता है।

वंदिता जहां भी कार्यरत रहीं उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों की विशेष टीम बनाकर अलग-अलग क्षेत्र की जिम्मेदारियां सौंपी। टीमवर्क उनकी कार्यशाली की सबसे बड़ी विशेषता है ।

दौसा के मेरे पत्रकार मित्र उमेश शर्मा ने मुझे बताया कि महिला सुरक्षा के मामले में वह बेहद जिÞम्मेदार अधिकारी हैं। सार्वजनिक स्थानों पर महिला सुरक्षा के लिए वह अलग से एक टीम मुस्तैद करती हैं।

जयपुर, जोधपुर और दौसा सभी शहरों में उन्होंने पुलिस की सामाजिक चुनौतियों को स्वीकार किया। जमीन से जुड़ कर वह काम करने की अभ्यस्त मानी जाती हैं। सड़क दुर्घटनाओं के प्रति वह अतिरिक्त संवेदनशील हैं। हाईवे पर गश्त बढ़ाना उनकी प्राथमिकता रहती है।

प्रसंग वश यहां आपको बता दूं कि राजस्थान में मुख्यत: छ: महिला आईपीएस हैं जो अपनी दबंगई कार्यशैली को लेकर चचार्ओं में रही हैं। पहली अमृता दुहन हैं जो पेशे से डॉक्टर थीं मगर पुलिस में आ गयीं। पहली पोस्टिंग उन्हें अजमेर में मिली। यहां से वह कोटा चली गई। लॉरेंस गैंग से जुड़े बदमाशों को गिरफ्तार करने पर वह जोधपुर में बड़ी चचार्ओं में रहीं।

दूसरा नाम है आईपीएस पूजा अवाना का! यह भी उत्तर प्रदेश की ही रहने वाली हैं। पहली पोस्टिंग इन्हें भरतपुर में मिली। इसके बाद वह अजमेर जीआरपी में रहीं।

तीसरी आईपीएस हैं प्रीती चंद्रा! सीकर की रहने वाली हैं। उनका बीकानेर कार्यकाल सुर्खियों में रहा। वहां उन्होंने कई गिरोह बाजों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

इसके अलावा चौथी महिला आईपीएस राशि डोगरा हैं! संबलपुर की रहने वाली! उनको पहली पोस्टिंग भारत पाक बॉर्डर पर मिली। पांच बार एस पी रह चुकी हैं।

पाँचवी महिला अधिकारी हैं ऋचा तोमर जो कई सनसनी खेज खुलासे करके चर्चित रही हैं और मानव तस्करी की रोकथाम के लिए अकल्पनीय कार्य कर रही हैं।

……और छठी महिला आईपीएस वंदिता राणा हैं। उनके पति आई एफ एस हैं और राजस्थान में ही नियुक्त हैं।

सीकर में विदाई के दौरान दुल्हन के किडनैप मामले में इन्होंने खासी लोकप्रियता हासिल की! एक व्यापारी के अपहरण मामले में भी उन्होंने जम कर वाह वाही बटोरी।

मजेदार बात यह है कि पांचों आईपीएस न केवल अपनी कार्यशैली से बल्कि सुंदर व्यक्तित्व के कारण भी चर्चित हैं।

वंदिता राणा का अजमेर आना निश्चित रूप से चुनौती भरा कार्यकाल होगा। यहां भू माफियाओं का अपराधीकरण उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा। बेनामी के इस काले कारोबार में यहाँ आए दिन कांड होते रहते हैं। पिछले दिनों दिन दहाड़े दो महिलाओं का अपहरण और रूपनगढ़ में माफियायों की खुली गोलाबारी में एक की मौत इसका ताजा उदाहरण है। नशे के कारोबार में अजमेर को ट्रांजिट केंद्र बना दिया गया है। सूखे नशे का कारोबार यहां चरम पर है। ड्रग्स माफिया यहां बेखौफ हैं। बड़ी तादाद में बांग्लादेशी यहां अवैध रूप से रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश अपराधी किस्म के हैं।

जहां तक पुलिस अधिकारियों का सवाल है यहां तैनात सभी अधिकारी फिलहाल बेहद जिम्मेदार और सक्रिय माने जाते हैं। टीम बनाकर इनसे बेहतरीन काम लिया जा सकता है और हां पुलिस विभाग में ईमानदारी की कल्पना करना लोग भूल गए हैं। देखना होगा कि इस धारणा का आगे भविष्य क्या होता है? फिलहाल वंदिता राणा का अजमेर में स्वागत है।

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